.डीसी, एसपी ने दोनों नक्सलियों के परिजनों को इनामी राशि का चेक सौंपा
चतरा।
प्रतिबंधित नक्सली संगठन TSPC के 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर रघुवंश गंझु उर्फ चिरेतन व एक लाख के ईनामी सब जोनल कमांडर लक्ष्मण गंझू उर्फ पत्थर ने सोमवार को हथियार के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसपर्मण कर दिया।इससे नक्सली संगठन काे बड़ा झटका लगा है। समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय में डीसी दिव्यांशु झा, एसपी ऋषभ झा, सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट पवन कुमार बासन व एसडीपीओ अविनाश कुमार के समक्ष दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। जोनल कमांडर रघुवंश ने .303 बोर के एक रायफल, मैगजीन व 8 एमएम का 200 राउंड जिंदा कारतूस व लक्ष्मण उर्फ पत्थर ने एक एसएलआर, 7.62 एमएम का 145 राउंड जिंदा कारतूस, तीन एसएलआर मैगजीन, वर्दी व एम्युनेशन के साथ सरेंडर किया।
सरेंडर के बाद डीसी, एसपी ने दोनों नक्सलियों के परिजनों को इनामी राशि का चेक सौंपा। मौके पर डीसी व एसपी ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार का द्वार खुला है। सरकार न सिर्फ उन्हें आत्मसमर्पण नीति का संपूर्ण लाभ देगी बल्कि उनके गांव घर के विकास का भी रूपरेखा तैयार कर उन्हें विकास का सौगात देगी।
वही आत्मसमर्पण करने वाले इनामी जोनल कमांडर रघुवंश गंझु उर्फ चिरेतन व सब जोनल कमांडर लक्ष्मण गंझू उर्फ ने कहा है कि आज टीएसपीसी नक्सली संगठन का वजूद लगभग समाप्त हो चुका है। संगठन में गिने-चुने लोग ही बचे हैं। ऐसे में अब संगठन का झंडा ढूंढने के बजाय मुख्यधारा में शामिल होकर विकास में अपनी भूमिका निभाना ही एकमात्र विकल्प नक्सलियों के समक्ष बच गया है।