गोपालगंज। जिले की श्रीपुर पुलिस ने रविवार की शाम भागीपट्टी समउर -बथुआ मुख्य सड़क पर मगहां गांव के समीप शराब तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे महाअभियान के तहत वाहनों की जांच के दौरान एक मारूति कार के डिक्की में छिपाकर ले जा रहे 1.5 करोड़ रुपये के साथ तीन को गिरफ्तार किया है। इतनी बड़ी राशी की बरामदगी की सूचना ओपी प्रभारी नागेंद्र कुमार सहनी ने वरीय प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों को दी।। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार के निर्देश पर हथुआ एसडीपीओ नरेश कुमार पुलिस बल के साथ श्रीपुर ओपी पहुंचे। एसडीओ राकेश कुमार के निर्देश पर दंडाधिकारी के रूप में स्थानीय सीओ श्यामसुंदर राय भी मौके पर पहुंचे। जहां उनकी उपस्थिति में बरामद नोट के बंडलों की गिनती मशीन से करायी गयी। पुलिस कप्तान आंनद कुमार ने बताया कि पुलिस नोटों की खेप से जुड़े सभी तथ्यों को खंगाल रही है। कैश खलीलाबाद से यहां क्यों भेजा गया। अकुंर सोनी से भी पूछताछ की जानी है, उसके पास इतना कैश कहां से आया। इसके अलावे आयकर और अन्य एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक के बथुआ बाजार के सीएसपी संचालक प्रदीप कुमार सिंह ने लगभग छह घंटे तक नोटों की जांच में एक करोड़ 48,99,500 रुपये मिलने की बात बतायी। एसडीपीओ नरेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि हिरासत में लिए गए तीनों व्यक्ति उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद से रुपये का बंडल कार में रखकर सारण जिले के मसरख बाजार जा रहे थे, जो पुलिस के हत्थे चढ़ गये। वाहन जांच में दारोगा सूरज कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, गोरखनाथ पासवान, लालू प्रसाद मलाह व रमेश दास सहित पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मी उपस्थित थे। एसडीपीओ के अनुसार हिरासत में लिए गए व्यक्तियों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने इस संबंध में आयकर विभाग को भी सूचना देकर अपने स्तर से जांच करने का आग्रह किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कार में नोटों के खेप के साथ हिरासत में लिये गये मशरक के रहने वाले अनूप कुमार तिवारी, सारण के जलालपुर के रहने वाले चालक पृथ्वी साह तथा अंकित साह से पूछताछ में पता चला है कि मशरक का अंकुर सोनी का है यह रुपया। जिसे वे खलीलाबाद (उप्र) से लेकर मशरक लेकर जा रहे थे। पुलिस ने अंकुर सोनी को सूचना दी, पुलिस के सामने अब तक कोई दावेदार नहीं आया है। पुलिस अधिकारियों की माने तो नोटों की यह खेप मशरक जाने की बात सामने आयी है। पूछताछ में युवकों के द्वारा स्पष्ट नहीं बताया जा रहा। पुलिस सभी संभावनाओं को खंगाल रही है। आशंका तो यह भी है कि बिहार में आगामी चार अप्रैल से होने वाले विधानपरिषद चुनाव में खर्च करने के लिए राशि मंगायी जा सकती है। फिलहाल अधिकारी कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।