पटना
पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के एनडीए में एंट्री के बाद इसके घटक दल लोजपा के तेवर चढ़ गए हैं। लोजपा ने आगे की रणनीति बनाने के लिए 7 सितंबर को संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। लोजपा ने मांझी को एनडीए में लाने को एकतरफा फैसला बताया है। बताया जाता है कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पिछले दिनों पार्टी के पदाधिकारियों के साथ कई स्तरों पर बैठक कर 119 सीटों पर तैयारी का निर्देश भी दिया था। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मांझी ने कहा कि जदयू प्रत्याशी के खिलाफ लोजपा अगरअपना उम्मीदवार उतारती है तो हम भी लोजपा उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवारी देंगे। उन्होंने कहा कि सब मिलकर सहमति के आधार पर चुनाव लड़ने से राज्य के लिए सही होगा। सामंजस्य नहीं होने पर सब को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान चार दशकों से दलितों की राजनीति कर रहे हैं लेकिन दलितों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। उन्हें दलितों के संबंध में कुछ कहने का अधिकार नहीं है। मालूम हो कि सीट शेयरिंग के लिए चिराग पासवान कुछ दिनों से सीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इस बीच उन्होंने यह कहकर सरगर्मी बढ़ा दी है कि वे जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे