रांची। राज्य में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड ने इस बाबत नोटिस जारी किया है। प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव यतीन्द्र कुमार दास ने इसके उत्पादन भंडारण वितरण और इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की बात कही है।
सदस्य सचिव ने जारी निर्देश में कहा है कि नोटिस का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत माल जब्ती क्षतिपूर्ति की वसूली सहित उद्योगों और वाणिज्य प्रतिष्ठानों के संचालन बंद करने के आरोप अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि एक जुलाई से प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्मोकोल आदि प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा प्लास्टिक कप, प्लेट, ग्लास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलेरी आइटम, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले बैनर आदि का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन और निर्माण इस तरह से किया जाता है कि एक बार इस्तेमाल होने के बाद उसे फेंक दिया जाए। इस परिभाषा के हिसाब से प्लास्टिक के तमाम उत्पाद इसी श्रेणी में आते हैं। इसमें डिस्पोजेबल स्ट्रा से लेकर डिस्पोजेबल सीरींज तक सभी शामिल हैं। इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है, जिसके कारण इसका बिजनेस और उपयोग भी खूब हो रहा है।
मालूम हो कि झारखंड सरकार 18 सितंबर 2017 को ही राज्य में पॉलिथीन को प्रतिबंधित कर चुकी है। 30 जून से पहले इन सामानों की भंडारण को पूरी तरह से शुन्य करने का निर्देश दिया है। टोपी उल्लेखनीय है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन एक बार इस्तेमाल होने के बाद फेंक दिए जाते हैं। इस परिभाषा के हिसाब से श्रेणी में आने वाले उत्पादों पर रोक लगाया गया है।