कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में बड़ी मात्रा में नकदी के साथ गिरफ्तार झारखंड के तीनों विधायकों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच किसी केन्द्रीय एजेंसी से कराने की मांग को लेकर हाई काेर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को विधायक राजेश कश्यप, नमन दीक्षित और इरफान अंसारी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई अथवा किसी अन्य एजेंसी से कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य ने इस याचिका को संज्ञान में लिया है। कोर्ट में तीनों विधायकों के अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अंजन भट्टाचार्य ने अपना पक्ष रखा।
अधिवक्ताओं ने कहा है कि सीआईडी जांच पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए और अगर इसमें किसी तरह की जांच की जरूरत है तो सीबीआई अथवा किसी अन्य निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सीआईडी जांच को राजनीतिक रंग दे रही है और अभी तक एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई है। यहां तक कि राज्य पुलिस की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं किया गया है।
अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सीआईडी की जांच में सटीक तथ्यों के बारे में जानकारी मिलना कतई संभव नहीं है। इसीलिए किसी अन्य एजेंसी के जरिए जांच कराया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर रुपये अधिक हैं और ब्लैक मनी है तो इस मामले में काला धन अधिनियम और इनकम टैक्स की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। अधिवक्ताओं ने कहा कि सीआईडी को इसकी जांच करने अथवा एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने आगे की सुनवाई के लिए गुरुवार को करने को कहा। उम्मीद है कि उसी दिन कोई फैसला भी आ सकता है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक राजेश कश्यप, नमन दीक्षित और इरफान अंसारी के साथ उनके ड्राइवर चंदन और झारखंड युवा कांग्रेस के नेता प्रतीक को भी हावड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके पास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इस मामले में सीआईडी जांच कर रही है। गिरफ्तारी के बाद झारखंड कांग्रेस ने तीनों विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।