रांची।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को दिशोम गुरु सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के जन्मदिन पर उनके संघर्ष से जुड़ी तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का दिन गुरूजी और पुस्तक के लेखक का है। लेखक ने वीरभूमि के इतिहास को संजोकर युवाओं और बच्चों को इतिहास समझाने का प्रयास किया है। यहां के लोगों में संघर्ष करने की शैली अलग-अलग रही, जिसमें उन्होंने अपनी दक्षता को प्रदर्शित कर जंग जीता है। झारखंड में हमेशा संघर्ष की परंपरा रही है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रारंभिक दिनों में यहां शिक्षा का अभाव था। इस कारण से कई लोगों की गाथा सहेज कर नहीं रखी गई। पर समाज में ऐसे लोग भी रहे जिन्होंने संघर्ष को काफी करीब से देखा और उसे संजो कर रखा है। संघर्ष को कागजों पर उतारना गौरव की बात होती है। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से हमारे पूर्वजों ने अलग झारखंड राज्य के लिए जंग लड़ी उन सपनों को पूरा करना हमारा दायित्व है। राज्य की चेतना को जगाकर झारखंड को अग्रणी राज्य से आगे ले जाया जा सकता है।
मौके पर शिबू सोरेन ने कहा कि आज हम सब अलग झारखंड राज्य में हैं। आदिवासियों, किसानों, मजदूरों को वास्तविक लाभ नहीं मिल मिला है।इन के सपनों को पूरा करना हमारा दायित्व है। उन्होंने महाजनी प्रथा के खिलाफ किए गए आंदोलन की विस्तृत चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर काम की जरूरत बताई। मौके पर शिबू सोरेन की जीवनी पर आधारित दिशोम गुरु शिबू सोरेन हिंदी ट्राईबल्स हीरो, शिबू सोरेन अंग्रेजी तथा सुनो बच्चों आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन की गाथा पुस्तकों का लोकार्पण हुआ है। मौके पर मंत्री चंपई सोरेन, डॉ रामेश्वर उरांव, मिथिलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता, बसंत सोरेन, मंगल कालिंदी, इरफान अंसारी तथा पुस्तक के रचयिता अनुज कुमार सिन्हा व डॉक्टर पीयूष कुमार मौजूद थे।