गिरिडीह। पटना में रिटायर्ड दारोगा मो. जलालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद गिरिडीह जिले में स्लीपर सेल के होने की आशंका है। मो. जलालुद्दीन पिछले साल ही सब इंस्पेक्टर पद से गिरिडीह जिले से रिटायर्ड हुआ था और वह वर्षो से पीएफआइ्र समेत अन्य संगठनो के संपर्क में था। मालूम हो कि पंचायत चुनाव के दौरान मुखिया प्रत्याशी साकिर हुसैन के नामांकन जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे।अब रिटायर्ड दारोगा की गिरफ्तारी से जिले में स्लीपर सेल होने की आशंका बढ़ गई है। आरोपित दारोगा वर्षों से पीएफआई समेत अन्य संगठनों के संपर्क में था। पुलिस की पूछताछ में आठ हजार युवकों को पीएफआई से जोड़ने की जानकारी मिली है।
पुलिस के मुताबिक भेलवाघाटी थाना प्रभारी के रूप में जलालुद्दीन का नक्सली संगठन के मारक दस्ता के सदस्यों से संबंध अच्छे थे, जिसमें पुलिस मुठभेड़ में मारा गया हार्डकोर नक्सली सिद्धु कोड़ा और वर्तमान में जमुई का हार्डकोर माओवादी पिंटू राणा शामिल हैं। जलालुद्दीन के कार्यकाल में भेलवाघाटी के लंबी पहाड़ी में पुलिस और माओवादियों के बीच 14 अप्रैल, 2019 को मुठभेड़ हुई थी। इसमें जलालुद्दीन पर लापरवाही का आरोप लगा था।
उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस ने पटना में बुधवार को आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए झारखंड पुलिस के रिटायर्ड दारोगा मो. जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया है। सिपाही के पद पर नियुक्त मो जलालुद्दीन झारखंड के गोड्डा, रांची, हजारीबाग जिले में तैनात रहा। दारोगा में प्रोन्नति मिलने के बाद गिरिडीह में जलालुद्दीन 20 नवंबर, 2018 से 27 जनवरी, 2021 तक भेलवाघाटी थाना प्रभारी रहा। वह 30 अप्रैल, 2021 को गिरीडीह से रिटायर्ड होने के बाद पटना में एक एनजीओ के नाम पर देश विरोधी मुहिम चलाने लगा।
गौरतलब हो कि 12 मार्च, 2022 को यूपी के सहारनपुर के देवबंद से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इनामुल हक उर्फ इनाम इम्तियाज को गिरफ्तार किया गया था। इनामुल हक उर्फ इनाम इम्तियाज गिरीडीह जिले गावां थाना क्षेत्र के पतना गांव का रहने वाला है।