हो हंगामे के बीच सदन में द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा सदन के बाहर बीजेपी विधायक रोजगार समेत कई मुद्दों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया । झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन मुश्किल से एक से डेढ घंटे चल पाया । हो हंगामे के बीच सदन में द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। अनुपूरक बजट में केंद्रीय योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजना मद में केंद्र से मिली राशि के खर्च का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा जिन योजनाओं में केंद्र से मिली हिस्सेदारी में कम प्रावधान किया गया है उसमें संशोधित बजटीय उपबंध किया गया है। राज्य के द्वितीय अनुपूरक के करीब लगभग 2000 करोड़ रुपये की है। इससे पहले सदन के बाहर बीजेपी विधायकों का प्रदर्शन जारी रहा । रोजगार समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया गया। सदन के आर्डर में न होने के कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
झारखंड विधान सभा के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष जैसे यह निर्णय कर बैठे हो की सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नही चलने देना है। दोनो ही दिन सदन में ठीक समय पर उपस्थित होकर एकसूत्र कार्यक्रम के तहत प्रवेश द्वार से लेकर सदन तक हंगामा को अपना एजेंडा बना लिया है। सदन जब पहले दिन प्रारम्भ हुआ तो यही हाल रहा। शोक प्रस्ताव पर जब सदन सभी दिवंगत को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे तो भाजपा के विधायक रणधीर सिंह ने सदन की गरिमा को उस समय तार तार कर दिया और अपने बेंच पर खड़े होकर हो हंगामा करने लगे । उन्हे अध्यक्ष ने मार्शल से किसी तरह बाहर कराया।
विधान सभा में सदस्यों का यह अशोभनीय आचरण लगातार बढता ही जा रहा है।सवाल यह उठता है की सदन का संचालन राज्य और राज्यवासियों के हितों की रक्षा ,विकास के लिए आहुत की जाती है। सदस्य अपने क्षेत्र की समस्या का निराकरण सदन के माध्यम से ही कर सकती है। सदन के अन्दर काम नही होगा तो सदन का आयोजन फिर किस लिए? यह गंभीर बिषय है। सत्ता पक्ष की मंशा साफ झलक रही है वो सदन मे अपना काम तो बहुमत के आधार पर करा लेते है ।विपक्ष लाख हो हंगामा क्यु न करे।
बेरोजगारी, नियोजन नीति समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर युवाओं से वादा खिलाफी का आरोप लगाया
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी भाजपा विधायकों ने प्रदर्शन किया। बेरोजगारी, नियोजन नीति समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर युवाओं से वादा खिलाफी का आरोप लगाया। भाजपा विधायकों ने गेट के बाहर जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा गाना गया। विधायकों ने कहा कि यह सरकार झारखंड के बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। फर्जी नियोजन नीति बनाने वाली सरकार को शर्म करना चाहिए।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के मुख्य द्वार पर भाजपा विधायकों ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हाथों में फर्जी नियोजन नीति बनाने वाली ठग हेमन्त सरकार शर्म करो, झारखंड के बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करो का बैनर लेकर विपक्ष हंगामा कर रहे थे। भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि हेमन्त सरकार ने फर्जी नियोजन नीति बनाकर राज्य के युवाओं को ठगने का काम किया है। भाजपा पहले से ही यह कह रही थी कि जो नीति सरकार बनाई है उसमें सिर्फ त्रुटियां ही नहीं, बल्कि संविधान के मौलिक अधिकार का हनन है। अंत में कोर्ट ने सरकार के गलत नियोजन नीति को खारिज कर दिया।
विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि इस सरकार में जनहित के नहीं बल्कि स्वहित के काम हो रहे हैं। हर वर्ष पांच लाख नौकरी देने का वादा कर सत्ता में आई हेमन्त सरकार तीन वर्ष बीत जाने के बाद एक भी नौकरी नहीं दे सकी। इतना ही नहीं जिस तरह से सरकार लगातार गलत नीतियां बना रही है उसका खामियाजा राज्य के युवाओं को भुगतना पर रहा है। विधायक अमर बावरी ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ अपनी विफलता को छिपाने के लिए गलत नीतियां बना रही है। जब कोर्ट से उनकी गलत नीतियां खारिज हो जाती है तो राजभवन जाने का नाटक करती है। उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीब विरोधी, युवा विरोधी है। इस सरकार से किसी का भला नहीं होनेवाला है।
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और अम्बा प्रसाद विधानसभा मुख्य द्वार पर धरना पर बैठे। विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड में आरएसएस का एजेंडा नहीं चलेगा। यह सच है कि कोर्ट ने नियोजन नीति को रद्द कर दिया लेकिन सरकार इसको लेकर नए रास्ते की तलाश कर रही है। भाजपा के लोग इसको लेकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ही मुख्यमंत्री सभी दलों के विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं, जिसमें 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण बिल पर जल्द सहमति देने का आग्रह राज्यपाल से करेंगे। इसमें सहयोग नहीं कर भाजपा बेवजह हंगामा कर रही है।