रांची। झारखंड के लिए बड़ी विडंबना है कि राज्य सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है, झारखंड की कानून व्यवस्था, आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है और राज्य के मुख्यमंत्री झूठ,लूट और भ्रस्टाचार को निर्लज्जता से छुपा रहे है। ये बातें भाजपा प्रदेश कार्यालय आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए भाजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कही।
प्रकाश ने झारखंड की हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर उनके परफॉर्मेंस पर आरोप पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार केंद्र सरकार पर भेदभाव का जो आरोप लगाती है वह सरासर झूठ है। एक तरफ राज्य सरकार ज्यादा राशि खर्च करने का दावा करती है दूसरी ओर कोरोना का रोना भी रोती है। इससे स्पष्ट है कि हेमन्त सरकार ने जमीन पर कोई काम नहीं की है, केवल झूठ,लूट और भ्रष्टाचार में सरकार लिप्त है,जिसका आरोप जनता सरकार पर लगा रही है। और भाजपा राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की जनभावनाओं की अभिव्यक्ति है। प्रदेश भाजपा आरोप पत्र के माध्यम से जनता के आक्रोश को व्यक्त कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री इन गंभीर मुद्दों का जबाब जरूर देगी।
प्रकाश ने राज्य सरकार की परफॉर्मेंस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा राज्य की सरकार कोरोना का बहाना बनाकर अपनी कमी को छुपाने का काम कर रही है जबकि इस कोरोना काल मे केंद्र की मोदी सरकार ने दुनियां की आर्थिक जगत में अपने कार्यों से डंका बजाने का काम किया। उन्होंने सौ प्रतिशत परिणाम दिया।
दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार के 34 महीने में कार्यकाल में अपराध के क्षेत्र में एक रिकॉर्ड कायम किया है। राज्य में अपराधियों और नक्सलियों की समानांतर सरकार चल रही है, हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण, चोरी, डकैती, दंगा में प्रदेश अव्वल है। 34 महीनों के कार्यकाल में कुल 1,78,351 अपराध की घटनाएं। 5258 लोगों की हत्या, 5000 से अधिक बहन/बेटियों के साथ दुष्कर्म और अनाचार , 4485 अपहरण की घटनाएं घटित हुई। प्रकाश ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हमसबको अपने आप को बिहारी कहने पर शर्म महसूस होती थी आज राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार ने उसी स्थिति में झारखंड को पहुंचा दिया है जहां अपने आपको झारखंडी कहने पर शर्म महसूस होती है।
प्रकाश ने राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार को युवा विरोधी बताया और कहा कि हेमन्त सोरेन जी आने घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था नौकरी नही देने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। हर साल पांच लाख युवाओं को रोजगार नहीं तो संन्यास के वादे हुए।आज सरकार की तीन साल पूरे हो गए और इन तीन साल में मात्र 357 नौकरी ही दे पायी है सरकार। अब हेमन्त सोरेन राज्य के बेरोजगारों को अंडा-मुर्गी बेचने की सलाह दे रहे है।
प्रकाश ने कहा कि राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार 1932 के खतियान और नियोजन नीति पर यह सरकार राजनीति करती रही। राज्य के लोगों को 9वीं अनुसूची के नाम पर दिग्भ्रमित कर रही। हेमन्त सोरेन जी इस मुद्दे पर इतने गंभीर होते तो इसे 9वी अनुसूची में डालने के लिए केंद्र सरकार के पास इसे नही भेजते बल्कि झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा की गई आपत्तियों को दूर करते तथा अपने अधिकार का उपयोग करते हुए इस पर नीति बनाते और उसे लागू करवाते। लेकिन हेमन्त सरकार राज्य के युवाओं को नौकरी देना ही नही चाहती है।
प्रकाश ने राज्य की महागठबंधन सरकार को पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्रिपल टेस्ट कमिटी का गठन नहीं की और पंचायत चुनाव में पिछडी जातियों को उनका हक नही दी और पंचायत चुनाव सम्पन्न कराकर उन्हें मिलने वाली आरक्षण से वंचित करने का काम की।