मेदिनीनगर(पलामू)। शहर में स्थित जीएलए कॉलेज परिसर में नीलांबर पितांबर विश्विवद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समाराेह शुक्रवार को आयोजित किया गया। इस मौके पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने विश्वविद्यालय के स्मारिका का लोकार्पण किया। साथ ही विश्वविद्यालय के 130 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 21 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया। मौके पर एनपीयू के प्रति कुलपति डॉ दीप नारायण यादव, कुलसचिव डॉ राकेश कुमार समेत विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी और प्राध्यापक मौजूद थे।
समारोह में राज्यपाल बैस ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना जनवरी 2009 को हुई है। इस वर्ष यह अपनी स्थापना के 12 वर्ष पूरी कर चूका है। इस अवधि में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के कोरोना काल के कारण विश्वविद्यालय के अध्ययन-अध्यापन कार्यक्रम में थोड़ी शिथिलता आ गई थी। हालांकि, ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करा कर पाठ्यसामग्री ऑनलाइन माध्यमों से उपलब्ध कराई गई थीं।
राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को सलाह दी कि आप सभी के लिए आपके सपनों को सच में बदलने करने का समय अब आ गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान के लिए विद्यार्थी ही ब्रांड एम्बेसडर होता है। हमारा दायित्व सिर्फ विद्यार्थियों को किताबों तक सीमित रखना, उन्हें डिग्रियां बांटने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उनमें चेतना जागृत कर जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनकी प्रतिभा को उभारना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व देना होना चाहिए।
एनपीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) राम लखन सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही आने वाले समय में किये जाने वाले कार्यों की रूपरेखा रखी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 के विद्यार्थियों को उपाधि दी जा रही है। इनमें से 2017 में 16685 विद्यार्थी, 2018 में 21579 विद्यार्थी, 2019 में 11374 विद्यार्थी तथा 2020 में 11757 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा कि चार शैक्षणिक वर्ष 2017 से 2020 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या 61395 है, जिनमें से 33594 छात्र एवं 27801 छात्राएं शामिल हैं। 130 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 21 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जा रही है।