रांची। राजधानी रांची में दीपावली नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक घूमने लगे हैं। बड़ी संख्या में मिट्टी के दीये बनाने का कार्य कुम्हारों ने शुरू कर दिया है। कई जगह दुकानें सज गयी हैं। आकर्षक दीये राजधानी के बाजार में मौजूद हैं। इलेक्ट्रिक उत्पादों के बावजूद दीये का क्रेज अब भी बरकरार है। चुटिया, डोरंडा, कोकर, बरियातू, बुटी मोड़, हरमू सहित अन्य क्षेत्रों में दीये बिकने लगे हैं।
सुखदेव नगर की विद्यानगर निवासी सुगनी प्रजापति ने बताया कि उनका यह पुश्तैनी काम है। उनके तीन बेटे हैं और तीनों यही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काफी नुकसान हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद से लोगों का मिट्टी के बने सामानों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि उनके यहां 150 रुपये में 100 दीये, 100 रुपये 100 दीये और 80 रुपये 100 दीये आज का मूल्य है। उन्होंने कहा कि अभी से ही लोग दीया, घरकुंडा सहित अन्य सामान खरीद रहे हैं। अभी दीये का रेट कम है। दीया कम पड़ने पर रेट बढ़ जायेगा। फिलहाल दीये की अच्छी बिक्री है।
हरमू बिजली ऑफिस के कुम्हार अविनाश कुमार ने बताया कि वह 25 साल से यह काम कर रहे हैं। दीपावली को लेकर दीये बनाने काम जोर शोर से चल रहा है। सिंपल दीया पिछले वर्ष भी 100 रुपये में 100 पीस था। इस बार भी 100 रुपये 100 पीस है जबकि मिट्टी का दाम भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि दीये कम पड़ने पर दाम बढ़ जाते है। बिक्री अच्छी हो रही है।
पुरानी रांची के जोगेन्द्र प्रजापति ने बताया कि वह और उनका पूरा परिवार दीये सहित अन्य मिट्टी का सामान बनाने का काम करता है। दीपावली को लेकर एक माह पूर्व से ही दीये बनाने का काम हो रहा है। अभी दीये का रेट 100 रुपये में 100 दीये है। उन्होंने कहा कि रेट जिस हिसाब से होना चाहिए वह नहीं मिल रहा है लेकिन बिक्री ठीक ठाक हो रहा है। अभी दाम कम है। इसलिए भी लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं। पिछले वर्ष तो दीये का पूरा स्टॉक खत्म हो गया था। इसलिए इस बार पहले से ज्यादा दीये बना रहे है।
देवकी देवी पुरानी रांची कुम्हार टोली ने बताया कि दीपावली और छठ पूजा को लेकर दो माह पहले से ही जोर शोर से दीये, कलश, ढकना सहित अन्य सामान बना रहे हैं। अभी छोटा दीया 50 रुपये में 100 पीस, बड़ा दीया 100 रुपये में 100 पीस, ढकना पांच रुपये और 10 रुपये, कलश 10 रुपये और 20 रुपये में बिक्र रहा है। अभी से ही बिक्री ठीक है।
उन्होंने कहा कि जब से बाजार में लाइट का प्रचलन आया तब से कुछ बिक्री कम हो गयी लेकिन कोरोना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर दीये और मिट्टी के अन्य सामान जैसे चाय के प्याला, मटन हांडी, लस्सी के ग्लास, चाय बनाने का हांडी के बिक्री बढ़ गई है। मिट्टी की दाम भी बढ़ी है लेकिन दीये का दाम नहीं बढ़ा। सरकार का कोई मदद नहीं मिलता है।