पटना।
जिला परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष अंजू देवी ने परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सुहर्ष भगत पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रहते सुहर्ष भगत ने 7.25 करोड़ रुपए का गबन किया है। इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि जिप अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि वह अभी भी अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान है। आईएस अधिकारी सुहर्ष भगत केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के दामाद हैं।
अंजू देवी ने कहा है कि 2 सालों से सुहर्ष भगत के कारनामे से तमाम आला अधिकारियों को अवगत कराती रही है। पर सरकार ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की ही रिपोर्ट पर उसे बर्खास्त करने का ऐलान किया है । शायद काले कारनामे का विरोध करने की सजा दी गई है। उसने यह भी बताया कि बर्खास्तगी की खबर उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से मिली है। पर इसकी कोई अधिसूचना नहीं मिली है। यह भी कहा गया है कि उनकी मंजूरी के बगैर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने गत वर्ष 4 फरवरी को जिला परिषद की बैठक बुलाकर फर्जी तरीके से योजनाओं को पास कराया है।
मालूम हो कि दो दिन पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी थी कि मंजू देवी को बर्खास्त कर दिया गया है। जिला परिषद पर आरोप लगाया गया था कि वह 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत 17.20 करोड़ की योजनाओं के चयन के लिए बैठक नहीं कर रही थी और अहम फाइले अपने पास रोक रखी थी। इधर 17 अगस्त को जिला परिषद की बैठक हुई जिसमें काफी हंगामा हुआ था और मंजू देवी धरने पर बैठ गई थी।