गया।
अब विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर का प्रबंधन बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के जिम्मे होगा। गया के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम बी के मिश्रा ने सोमवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायालय ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की हकियत अपील को स्वीकार किया है। मालूम हो कि गया कि निचली अदालत ने मामले में एक पार्टी घोषित करते हुए गया पाल पंडा समाज के पक्ष में हकियत का फैसला दिया था।
एक्स पार्टी जजमेंट के खिलाफ बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने हकियत अपील दायर की थी
बोर्ड के अधिवक्ता राजन प्रसाद ने बताया कि एक्स पार्टी जजमेंट के खिलाफ बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने हकियत अपील दायर की थी उन्होंने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में मामले की सुनवाई डे-टू डे चल रही थी। बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता राजन प्रसाद और उसके सहयोगी अधिवक्ता संजय सिंह आनंद ने कोर्ट के समक्ष दलील रखते हुए कहा था कि विष्णुपद मंदिर का निर्माण सन 1733 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराई थी। 1914 के सर्वे के खतियान में विष्णु भगवान महाराज का नाम मालिक के रूप में दर्ज है लिहाजा इसका प्रबंधन बोर्ड को सौंपी जाए। वही मोक्ष धाम की सीढ़ी के रूप में विख्यात गया पाल पंडा समाज का कहना था कि विष्णुपद एक वेदी है। धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा गया था कि विष्णुपद गया पाल समाज की निजी संपत्ति है। गया पाल समाज की ओर से अधिवक्ता सीताराम रुखैयार, विपिन कुमार सिन्हा एवं राकेश कुमार ने पक्ष रखा था।