झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कोल्हान क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर भाजपा और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। इस बार के चुनाव में कोल्हान के चार पूर्व मुख्यमंत्री – अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, रघुवर दास, और चंपई सोरेन, के साथ-साथ तीन मंत्रियों – बन्ना गुप्ता, रामदास सोरेन, और दीपक बिरुवा की प्रतिष्ठा दांव पर है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोल्हान समेत 66 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हालाँकि, महागठबंधन द्वारा कोल्हान की 14 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान बाकी है। लेकिन यह लगभग स्पष्ट है कि 13 सीटों पर कौन से प्रत्याशी होंगे, केवल सरायकेला सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अभी भी विचार कर रहा है।
भाजपा में प्रत्याशियों को लेकर असंतोष, कई ने दिया इस्तीफा
कोल्हान में सीट बंटवारे के बाद भाजपा में आंतरिक असंतोष उभर कर सामने आया है। पोटका से तीन बार विधायक रही मेनका सरदार, सरायकेला से दो बार भाजपा प्रत्याशी रहे गणेश महाली, और बास्को बेसरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर विरोध जताया है। इस असंतोष के बावजूद भाजपा कोल्हान की हॉट सीटों पर कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कोल्हान की सभी सीटें भाजपा के हाथ से चली गई थीं, इसलिए इस बार पार्टी पूरी ताकत से मैदान में उतरी है।
पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा से जुड़े सीटों पर रोचक मुकाबला
कोल्हान की चार प्रमुख सीटें, जिन पर पूर्व मुख्यमंत्रियों का सीधा या अप्रत्यक्ष प्रभाव है, चुनावी चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। सरायकेला में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन खुद मैदान में हैं। वहीं, जगन्नाथपुर से मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा मैदान में हैं। पोटका से अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रही हैं। जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास की पुत्रवधू पूर्णिमा साहू पहली बार चुनावी मैदान में हैं।
पूर्णिमा साहू को विरासत बचाने की चुनौती
जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा की उम्मीदवार पूर्णिमा साहू को इस बार अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने की चुनौती है। उनके ससुर रघुवर दास पांच बार जमशेदपुर पूर्वी से विधायक रह चुके हैं और राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। 2019 में रघुवर दास को उनके ही मंत्री रहे सरयू राय ने पराजित कर दिया था। इस बार पूर्णिमा के सामने पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार (कांग्रेस) के साथ कड़ा मुकाबला होगा।
मीरा मुंडा की पोटका से हॉट एंट्री
पोटका सीट से अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा का चुनाव लड़ना इस बार की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक है। भाजपा ने उन्हें इस सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है, जहां पहले तीन बार मेनका सरदार विधायक रह चुकी हैं। अर्जुन मुंडा की पत्नी होने के कारण मीरा मुंडा पर बड़ी जिम्मेदारी है कि वह इस सीट को भाजपा के खाते में डालें और अर्जुन मुंडा की राजनीति में पुनः सक्रियता का प्रमाण बनें।
घाटशिला में सोरेन बनाम सोरेन का मुकाबला
घाटशिला विधानसभा सीट पर इस बार चंपई सोरेन और रामदास सोरेन के बीच जोरदार मुकाबला होने की संभावना है। रामदास सोरेन झामुमो से प्रत्याशी हैं, जबकि चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन भाजपा से प्रत्याशी होंगे। इस सीट को लेकर चंपई सोरेन की प्रतिष्ठा भी दांव पर है क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को यहां से प्रत्याशी बनवाया है।
गीता कोड़ा के सामने भी प्रतिष्ठा की लड़ाई
जगन्नाथपुर से मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा चुनावी मैदान में हैं। गीता कोड़ा पहले जय भारत समानता पार्टी से विधायक बनी थीं, लेकिन अब कांग्रेस की सांसद हैं। जगन्नाथपुर सीट पर उनकी साख दांव पर लगी है, क्योंकि कांग्रेस इस सीट पर उन्हें जिताने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।