रांची। एसडीओ के आदेश के आलोक में मोरहाबादी के दुकानों को हटाने के लिए शनिवार की सुबह ही नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम का विरोध करते हुए दुकानदार सड़क पर उतर गए हैं। इनमें महिला और पुरुष दोनों दुकानदार शामिल हैं। मोरहाबादी मैदान में अगले आदेश तक के लिए धारा-144 लागू किया है। यहां लगने वाले ठेला, खोमचा, दुकान में जमावड़ा लगने के कारण दुकानें लगाने पर रोक लगा दी गई है। इसी को लेकर रांची नगर निगम की टीम आज मोरहाबादी मैदान पहुंचकर दुकान हटाने लगी है, लेकिन मोराहबादी मैदान के दुकानदार प्रदर्शन करने लगे है। मोरहाबादी दुकानदार संघ के बैनर तले वे विरोध जता रहे हैं। दुकानदार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
मालूम हो कि मोरहा बादी मैदान के पास गुरुवार को हुई गोलीबारी में अपराधी कालू लांबा मारा गया था। इसके बाद शुक्रवार को एसडीओ ने इलाके में धारा 144 लागू करते हुए मैदान के आसपास लगने वाले दुकानों को हटाने का आदेश दिया था। दुकानदारों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। दुकान लगाने पर रोक लगा दी गई है।
प्रशासन के आदेश से हजारों लोगों को रोजी-रोटी की समस्या सताने लगी है। दुकान बचाने के लिए वे सड़क पर उतर आए हैं। दुकानदारों ने कहा कि हम इस आदेश का विरोध करते रहेंगे। यहां की कमाई ही हमारे तथा बच्चों के जीविका का आधार हैं।
वही रांची के मेयर डॉ. आशा लाकड़ा ने हेमंत सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए गरीबों को हटा रही है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में गरीबों को उजाड़ने के पहले उन्हें बसाने की तैयारी होती थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गरीबों को उजाड़ने में लगे हैं । उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हाई सिक्योरिटी जोन वाले इलाके की हर गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए थी , पर वे फेल साबित हुए हैं। गरीब दुकानदारों को उजाड़ने से आपराधिक समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है।