रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ढिबरा डम्पस में निहित अभ्रक खनिज की हो रही तस्करी को रोकने से संबंधित प्रस्ताव को गुरुवार को अपनी मंजूरी दे दी है । इसे अब मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में ढिबरा (अभ्रक स्क्रैप) के निष्पादन के लिए बिहार माइका एक्ट और रूल्स में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं होने की वजह से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है । इसमें तीन शर्ते निहित हैं, जिसका अनुपालन किया जाना है।
प्रस्ताव में निहित शर्ते
ढिबरा निष्पादन (अभ्रक स्क्रैप) का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें उसके स्थल, वॉल्यूम और मात्रा का उल्लेख होगा। इससे ढिबरा की अवैध तस्करी को रोका जा सकेगा। ढिबरा (अभ्रक स्क्रैप) का रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट भी प्राप्त कर लिया जाए, ताकि स्पष्ट हो सके कि इसकी गुणवत्ता कैसी है। इसके अलावा जो ढिबरा (अभ्रक स्क्रैप) वन क्षेत्र में अवस्थित है, उसके निष्पादन के पहले सक्षम प्राधिकार से फॉरेस्ट क्लीयरेंस तथा अन्य वांछित दस्तावेज प्राप्त कर लिया जाए।
उल्लेखनीय हो कि झारखंड के कोडरमा व गिरिडीह जिले में अभ्रक का उत्खनन किया जाता था। अधिकांश खदानों जंगल में अवस्थित थी। खदानों के बंद होने के बाद इन इलाकों के हजारों मजदूर अभ्रक के बेकार भाग ढिबरा को चुनकर अपना जिविकोपार्जन करते है।