नई दिल्ली।
आगामी 4 अक्टूबर को होने वाली यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा को टाले जाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। इस मामले को लेकर बुधवार को जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपीएससी की दलीलों को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेशन फौजी प्रोसीजर के मुताबिक परीक्षा केंद्रों पर सभी एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया है। साथ ही केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय को अंतिम मौका वाले अभ्यर्थियों को एक और मौका देने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपीएससी की दलीलों को स्वीकार किया कि अब परीक्षा टालने का असर अगले साल की परीक्षा पर भी पड़ेगा। कोर्ट ने कहा है कि एक परीक्षा केंद्र पर 100 से ज्यादा अभ्यर्थी ना हो। वही खांसी और बुखार वाले अभ्यर्थियों के परीक्षा में बैठने की अलग से व्यवस्था की जाए। उल्लेखनीय रहे कि 28 अक्टूबर को यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा को कोरोना के कारण टालने की मांग पर यूपीएससी ने असहमति जताई थी। इस मामले को लेकर परीक्षा में शामिल होने वाले 20 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा था कि यूपीएससी की 4 अक्टूबर को प्रीलिम्स परीक्षा होने वाली है। कोरोना व बाढ़ की वजह से कई राज्य सरकारों ने इसकी तैयारी नहीं की है। इस कारण परीक्षा को दो-तीन महीने बढ़ा दी जाए।