नई दिल्ली।
चीन के साथ पिछले 5 महीनों से जारी तनाव के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय सेनाओं को सामूहिक रूप से मजबूत करने के लिए नित्य नए रेंज के मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को डीआरडीओ द्वारा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय नौसेना के स्वदेशी स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से सफल परीक्षण किया गया। इसका निर्माण विशेष तौर पर नौसेना के लिए किया गया है। परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने अरब सागर में अपने टारगेट को सफलतापूर्वक भेदने में सफलता प्राप्त की।
मिसाइल के सफल प्रक्षेपण को लेकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। डीआरडीओ 1 माह के भीतर 10 नई मिसाइलें लांच कर भारतीय सेनाओं को मजबूती प्रदान करने में जुटी है। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में लंबी दूरी पर सेनाओं की सतह के लक्ष्यों को हासिल करके युद्धपोत की अजेयता सुनिश्चित करेगा।
नौसेना इस मिसाइल का इस्तेमाल समुद्री सतहों के लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाने में सफल होगी। नौसेना में ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक मिसाइल के शामिल होने से इसकी विध्वंसक क्षमता पहले की अपेक्षा और घातक हो जाएगी। ब्रह्मोस मिसाइल के डिजाइन का निर्माण भारत और रूस के द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी डीआरडीओ द्वारा 30 सितंबर को उड़ीसा के चांदीपुर में विस्तारित रेंज से ब्रह्माेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। उस दौरान मिसाइल 400 किलोमीटर से अधिक दूरी पर अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रही थी। बताते चलें कि भारतीय नौसेना काफी पहले से ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है।