रामगढ़। पांडे गिरोह समर्थित उम्मीदवार कुमार निशांत का नामांकन प्रपत्र गुरुवार को स्क्रूटनी के दौरान स्वीकृत कर लिया गया है। इसके बाद यह सुनिश्चित हो गया है कि जिला परिषद संख्या 5 से कुमार निशांत निर्विरोध जिला पार्षद घोषित कर दिए जाएंगे। हालांकि रामगढ़ पुलिस प्रशासन के द्वारा निशांत का नामांकन रद्द करने के लिए डीसी को एक अनुशंसा पत्र भी लिखा गया है। अनुशंसा पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि कुमार निशांत को जिताने के लिए पांडे गिरोह के सरगना विकास तिवारी, निशी पांडे, अनिल यादव, विनोद सिंह, अमित साव, रामप्रवेश पांडे और खुद कुमार निशांत ने नामांकन प्रपत्र खरीदने वाले कई उम्मीदवारों को जान से मारने की धमकी दी गई थी। जिसकी पुष्टि पुलिस टीम ने की और कुमार निशांत को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पांडे गिरोह के आतंक से भयभीत होकर जिला परिषद संख्या 5 से किसी भी व्यक्ति ने अपना नामांकन नहीं किया है।
डीसी को लिखे गए पत्र में एसपी ने कहा है कि जिला परिषद संख्या 5 के लिए 10 उम्मीदवारों ने नॉमिनेशन फॉर्म खरीदा था। उनमें से सिर्फ एक कुमार निशांत ने अपना नॉमिनेशन फॉर्म भरा। शेष सभी संभावित उम्मीदवारों के साथ गाली गलौज की गई और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। कुछ लोगों को रुपए का लालच दिया गया और भया दोहन कर नामांकन पर्चा भरने से जबरन रोक दिया गया। जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो दंडाधिकारी के नेतृत्व में बनी जांच टीम के द्वारा इसका सत्यापन किया गया। नामांकन फॉर्म खरीदने वाले संतोष कुमार साव, रामेश्वर महतो, महेंद्र कुमार महतो, जय प्रकाश सिंह, आशीष कुमार नायक, संतोष कुमार सिंह, संतोष कुमार साहू, रामप्रवेश कुमार और सारिका देवी से पूछताछ की गई। इस दौरान एसडीओ द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए पतरातू अंचल निरीक्षक सुधीर कुमार जायसवाल के नेतृत्व में सभी लोगों का बयान लिया गया।एसपी ने कहा है कि पतरातू क्षेत्र में पांडे गिरोह का वर्चस्व काफी अधिक है। इस वजह से उन लोगों ने सभी उम्मीदवारों को धमकी देकर नामांकन करने से रोक दिया। इसलिए कुमार निशांत का नॉमिनेशन फॉर्म को रद्द करते हुए निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
एसपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पूछताछ के दौरान सभी उम्मीदवारों ने नामांकन पर्चा खरीदने और चुनाव में हिस्सा लेने की बात स्वीकार की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी, इसी वजह से उन लोगों ने नामांकन पर्चा दाखिल नहीं किया। सभी लोगों को पाण्डेय गिरोह के सक्रिय सदस्यों द्वारा फोन के माध्यम से पांडे गिरोह के मुख्य सरगना विकास तिवारी से बात कराया गया। पाण्डेय गिरोह की प्रमुख सदस्य निशी पाण्डेय के द्वारा भी नामांकन पर्चा लेने वाले उम्मीदवार को अपने गुर्गों के माध्यम से घर बुलवाया गया और सभी उम्मीदवारों को निशी पांडेय के द्वारा फोन के माध्यम से चुनाव नहीं लड़ने के लिए धमकाया गया। कई उम्मीदवार के परिवार वालों को भी धमकाया गया। एक उम्मीदवार बिट्टू कुमार सिंह को निशांत सिंह के द्वारा जबरन अपनी गाड़ी में बंधक बनाये रखा गया। उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए नामांकन पर्चा नहीं दाखिल करने के लिए कहा गया। इसके अलावा एक उम्मीदवार कंचन देवी को नामांकन दाखिल करने जाते वक्त रास्ते में ही रोका गया और उन्हें धमकी दी गई।
जिला परिषद उम्मीदवार कुमार निशांत पांडे गिरोह की प्रमुख निशी पांडे के भाई हैं। उन्हें प्रत्याशियों को धमकाने के आरोप में पुलिस ने बुधवार को पकड़ा और न्यायिक हिरासत में भेजा। लेकिन उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई। इस मामले में कुमार निशांत के अलावा बड़ी बहन निशि पांडेय, पांडेय गिरोह के सरगना कुख्यात अपराधी विकास तिवारी समेत अन्य को भी प्रत्याशियों को धमकाने का आरोपी बनाया गया है। विकास पलामू जेल में बंद है।
इस पूरे प्रकरण में निर्वाची पदाधिकारी अपर समाहर्ता नेलसम एयोन बागे ने बताया कि कुमार निशांत के सभी दस्तावेजों की जांच स्क्रुटनी प्रक्रिया के दौरान की गई। सभी दस्तावेज सही पाए गए हैं। इसलिए उन्हें स्वीकृत किया गया है। 2 दिन नाम वापसी का समय अभी शेष है। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग को भी रामगढ़ डीसी ने एक रिपोर्ट भेज दी है। डीसी माधवी मिश्रा ने बताया कि इस मुद्दे पर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। उनके निर्देश के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।