कोडरमा। सम्मेद शिखर पारसनाथ को भारत सरकार के द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने से जैन समाज में आक्रोश है। इसके विरोध में रविवार को आयोजित देशव्यापी विरोध कार्यक्रम के तहत श्री दिगंबर जैन समाज की ओर से झुमरी तिलैया ने मौन जुलूस निकाला सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की गई। जुलूस में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष शामिल थें। जुलूस में शामिल समाज के पदाधिकारियों के द्वारा मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , वन मंत्री भूपेंद्र यादव जी और मुख्यमंत्री झारखंड हेमंत सोरेन के नाम प्रेषित एक ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय को सौंपा गया। मालूम हो झारखंड सरकार की ओर से 2019 में भेजी गई अनुशंसा पर वन मंत्रालय भारत सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया है।
जूलूस में समाजसेवी सुरेश झाझंरी ने कहा कि सम्मेद शिखर पारसनाथ पूरे भारतवर्ष के करोड़ों जैन धर्मावलंबियों का श्रद्धा और आस्था का सर्वोच्च तीर्थ स्थल है। यहां से जैन धर्म के 20 तीर्थंकर मोक्ष प्राप्त किए। सरकार के द्वारा हमारे तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का निर्णय किसी भी रूप में मान्य नहीं है। पूरे विश्वभर के जैन समाज इसका विरोध करते हैं। सम्मेद शिखर पारसनाथ को मौज मस्ती और पर्यटन का क्षेत्र बनाना जैन धर्मावलंबियों के आस्था और श्रद्धा के साथ खिलवाड़ है।
यहां की भूमि का कण कण पूजनीय है। पूरे भारतवर्ष के जैन धर्म के लोग भारत सरकार से निवेदन करते हैं कि अपना यह निर्णय वापस ले। मौके पर जैन समाज के मंत्री ललित सेठी , पार्षद पिंकी जैन , उपाध्यक्ष कमल सेठी सह मंत्री नरेंद्र झाझंरी, उप मंत्री राज छाबड़ा , कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला, सुशील छाबड़ा, सुरेश शेट्टी, पदम शेट्टी, ओम शेट्टी , मनीष सेठी, जैन युवक समिति के अध्यक्ष राजीव छाबड़ा,अमित गंगवाल लोकेश पाटोदी ,मनीष गंगवाल, पोपी गंगवाल ,संजय ठोलिया, अमित सेठी, महिला समाज की अध्यक्ष नीलम शेट्टी ,मंत्री आशा गंगवाल, मोना छाबड़ा, प्रेम झाझरी, किरण बड़जात्या,रितेश दुग्गड़, हेमंत दुग्गड, संजय छाबड़ा,गोलू सोगानी, मीडिया प्रभारी नवीन जैन और राजकुमार अजमेरा मौजूद थें।