भागलपुर।
जिले के अकबर नगर थाना क्षेत्र के कसमाबाद दियारा गांव में मंगलवार को हुई अगलगी की घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है। बीच-बीच में पीड़ित महिलाओं और भूख से रोती बच्चों की आवाज सन्नाटे को अवश्य चीरती है। पर बच्चों के लिए घर में अन्न का एक दाना भी नहीं है। घटना में पीड़ितो के जीवन भर की कमाई आग की भेंट चढ़ गई है। इस घटना में लगभग 400 फूस के आवास तथा उसमें रखे सारा सामान जलकर राख के ढेर में तब्दील हो गया है।
घटना के दिन स्थानीय बबलू मंडल की ओर से प्रीत परिवारों के लिए खाना की व्यवस्था तो कर दी गई पर सुबह फिर से बच्चे भूख से व्याकुल कुल हो उठे। बच्चे एवं पीड़ित परिवार की दशा को देखते हुए पंचायत के मुखिया अरविंद मंडल ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को चुड़ा-गुड़ उपलब्ध कराया है। जबकि बिहपुर पुलिस के साथ सुल्तानगंज के अंचलाधिकारी शंभू शरण राय व नाथनगर के बीडीओ, सीओ गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों के बीच प्लास्टिक वितरित करते हुए क्षति का आकलन भी किया।
पीड़ित हरिलाल मंडल, सूरज मंडल, कैलाश मंडल, आदि का कहना है कि अगलगी की घटना के बाद पूरे गांव के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। गंगा के दियारा में बसे इस गांव की आबादी 10 हजार के करीब है। 34 साल पहले गंगा की कटाव से 1500 घर नदी में विलीन हो गया था। इसके बाद विस्थापित परिवार गंगा की दूसरी छोर पर फूस का मकान बना कर गुजर-बसर कर रहे थे। आग लगी ने उसका आशियाना भी छीन लिया है।
जानकारी अनुसार मंगलवार को खाना बनाने के क्रम में चूल्हे से निकली चिंगारी से एक फूस के घर में आग लग गई। हवा की तेज रफ्तार के कारण आग ने एक एक कर सभी घरो को अपने आगोश में ले लिया। लपटे इतनी तेज थी कि ग्रामीणों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। लोग जान बचाकर भागने में लगे रहे। घरो में रखे पलंग, चौकी, बिछावन, कपड़ा, पंखा, टीवी, अनाज, गहने और जरूरी कागजात सभी जल गए।