रांची। 10 जून को जूमे की नमाज के बाद रांची में हुई हिंसा में उपद्रवियों का पोस्टर लगाने पर गृह सचिव ने रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को शो कॉज किया है। गृहसचिव राजीव अरूण एक्का ने बुधवार की देर रात नोटिस जारी कर दो दिनो में स्पष्टीकरण मांगा है। गृह सचिव ने कहा है कि रांची पुलिस द्वारा आरोपितो का पोस्टर लगाया जाना विधि सम्मात नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित न्यायादेश के विरूद्ध है।
उल्लेखनीय है कि हिंसा के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने बीते 13 जून को डीजीपी, एडीजी, डीसी और एसएसपी को राजभवन तलब किया था। राज्यपाल ने डीजीपी नीरज सिन्हा से यह कहा था कि हिंसा मामले में कार्रवाई तेज गति से की जाये और उपद्रवियों के तस्वीरों के साथ पोस्टर चौक-चौराहे पर लगाया जाये। आदेश के बाद रांची पुलिस ने 14 जून को पोस्टर भी बनवा लिए और शहर के कई चौक-चौराहों पर उसे लगवा भी दिया। लेकिन एक घंटे के भीतर सभी पोस्टर को उतरवा लिया गया, उस समय रांची पुलिस द्वारा यह बयान जारी कर बताया गया कि पोस्टर में कुछ त्रुटि है। उसे ठीक करवा कर बाद में लगवाया जायेगा।
रांची हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा रिपोर्ट, सुनवाई 17 जून को
झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची के मेन रोड में दस जून को हुए हिंसा मामले में सख्त रुख दिखाया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में 17 जून को मामले की सुनवाई होगी। प्रार्थी पकंज कुमार यादव ने कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द से जल्द सुनवाई का आग्रह किया है। कोर्ट ने सरकार से साफ कहा है कि जल्द से जल्द मामले में रिपोर्ट दे।
उल्लेखनीय है कि दायर याचिका में पंकज कुमार यादव ने हैदराबाद के सांसद असददुद्दीन ओवैसी, रांची के उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआइए, ईडी और आयकर आयुक्त को पार्टी बनाया है। अदालत से इस मामले की एनआईए से जांच की मांग की गयी है। इस याचिका में सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देने की बात की गयी है, जिसमें संगठनों के फंडिंग की बात भी कही गयी है।