Ranchi News:- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप विवाद को लेकर प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव, कल्याण विभाग के सचिव और पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारियों के साथ मंगलवार को बैठक की। लेकिन बैठक में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार अनुस्थिति रहे। इसपर डॉ लकडा भड़क गईं और कहा कि जब आयोग की ओर से पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को समन जारी कर नई दिल्ली स्थित आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर उपस्थित नहीं हुए।

इसके बाद पिफर आयोग की टीम बैठक में भी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव सुनील कुमार का यह रवैया ठीक नहीं है। वे आयोग के दिशा-निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब बैठक में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ही उपस्थित नहीं हैं तो संबंधित विषय पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाएगा। इसके बाद बैठक स्थगित कर दी गई।
मुख्य सचिव ने सरना स्थल के संरक्षण का दिया आश्वासन
वहीं मौके पर डॉ लकडा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दें, ताकि सिरमटोली सरना स्थल के समीप कराएं गए रैंप निर्माण और केंद्रीय सरना स्थल को संरक्षित करने की दिशा में उचित निर्णय लिया जा सके।
इस दौरान मुख्य सचिव अलका तिवारी ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि आयोग की ओर से सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप से संबंधित दिए गए दिशा-निर्देश और सुझाव से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को भेज दिया जाएगा, ताकि संबंधित विषयों पर उचित कार्रवाई हो सके।
आयोग के कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि जब तक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से संबंधित मामले की जांच की जा रही है, तब तक संबंधित योजना का न तो उद्घाटन किया जा सकता है और ना ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य। संबंधित योजना यथावत रहेगी।
मौके पर रांची नगर निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार, नगर विकास विभाग के अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार, एनसीएसटी के डिप्टी सेक्रेटरी योगेंद्र यादव, रिसर्च आफिसर एचआर मीणा, अनुसंधान अधिकारी राहुल, लीगल आफिसर राहुल यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
रैंप बनाकर आदिवासियों की संस्कृाति पर हुआ कुठाराघात : डॉ आशा
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने मंगलवार को सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के समीप सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर के दो पिलर के बीच 12 मीटर का गैप है और रैंप की लंबाई 300 मीटर है। रैंप के आगे-पीछे काफी जगह है। डॉ आशा लकड़ा ने अधिकारियों को से नई तकनीक का उपयोग कर रैंप के नजदीक ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने रैंप को हटाकर पिलर का निर्माण कराने और सरना स्थल के समीप ऊंचाई बढ़ाने को कहा। ताकि सरहुल की शोभायात्रा में शामिल आदिवासी समाज के लोगों को केंद्रीय सरना स्थल के परिसर तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
अधिकारियों को नजर नहीं आया सरना स्थल
उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर का डीपीआर बनाते समय जिन अधिकारियों ने स्थल जांच किया और शोध किया, उन्हें रैंप के आगे-पीछे क्या है, इस पर ध्यान देना चाहिए था। लेकिन उन्हें सिर्फ रेलवे लाइन का क्रांसिंग रैंप के आगे स्थित पेट्रोल पंप पर ही ध्यान गया। संबंधित अधिकारियों को आदिवासी समाज का केंद्रीय सरना स्थल नजर ही नहीं आया।उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरना स्थल आदिवासियों का सांस्कृतिक स्थल है। उसका संरक्षण करना चाहिए था।
सरहुल आदिवासी समाज का सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार में लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शोभायात्रा में शामिल होकर केंद्रीय सरना स्थल पहुंचते हैं।डीपीआर बनाते समय संबंधित अधिकारियों ने केंद्रीय सरना स्थल के सामने रैंप का डिजाइन तैयार कर आादिवासियों के सांस्कृतिक धरोहर पर कुठाराघात किया है। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोघ करते हुए कहा कि आादिवासी समाज के सांस्कृतिक धरोहर को बचाए। ताकि आदिवासियों की संस्कृतति का संरक्षण हो और वह सुरक्षित रहे। आदिवासी समाज के संरक्षण से ही आदिवासी राज्य की बहुलता संरक्षित होगी। मौके पर आयोग के कई सदस्य और अधिकारी मौजूद थे।