रांची। झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस के तीसरे दिन गुरुवार को विधानसभा में छात्र संसद का आयोजन किया गया। विधानसभा के सेंट्रल हॉल में सदन का प्रारूप तैयार किया गया। राज्य के विभिन्न कॉलेजों से चुने हुए 24 छात्र-छात्राएं सदन के अंदर स्पीकर, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायक की भूमिका में नजर आए। मरियम खलखो स्पीकर और गीता श्रेया स्पीकर की भूमिका में थीं।
छात्र संसद की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रोटेम स्पीकर का प्रारंभिक वक्तव्य हुआ। विधायक बने छात्रों ने शपथ ग्रहण किया। सड़क सुरक्षा विषय पर सदस्यों ने अल्पसूचित और तारांकित प्रश्न के तहत अपने सवाल सदन में रखा। मंत्री बने छात्रों ने उन सवालों का जवाब दिया। जवाब मिलने के बाद पूरक प्रश्न भी पूछा गया। सदन में विधेयक भी रखा जायेगा, जिसपर छात्र चर्चा करेंगे और उसे पारित कराया जाएगा।
छात्र संसद में जज की भूमिका में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो, विधायक सीपी सिंह, स्टीफन मरांडी, दीपिका पांडे सिंह और अमित मंडल हैं। सदन की कार्यवाही पूरी होने के बाद विजेता की घोषणा की जाएगी
झारखंड विधानसभा में छात्र संसद में बच्चों ने सीखी विधायिका की बारीकियां
झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस के तीसरे दिन गुरुवार को द्वितीय छात्र संसद में प्रदेश के छात्र-छात्राओं ने संसदीय प्रक्रिया की जानकारी ली। छद्म विधानसभा में संसदीय प्रक्रिया का पालन करते हुए विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। छात्रों में से ही मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और स्पीकर का चुनाव किया गया। सदस्यों ने सवाल पूछे और संबंधित विभाग के मंत्रियों ने उसके जवाब दिये।
जनसमस्याओं को उचित प्लेटफॉर्म पर रखें और उसका समाधान हो : रवींद्रनाथ महतो
विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि हमलोग जो करते हैं, उसे सही ढंग से परोसेंगे, तो उसका परिणाम सही ही होगा। अगर हम परोसेंगे आम और आप परोसेंगे इमली, तो टेस्ट में बदलाव आ जायेगा। ये अच्छा है या बुरा है, इसे बेहतर तरीके से आप लोगों तक पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को संसदीय प्रक्रिया का ज्ञान हो रहा है। कैसे प्रश्न किया जाता है। कैसे ध्यानाकर्षण होता है। कैसे कार्यस्थगन होता है।तमाम विधायी प्रक्रिया का तकनीकी ज्ञान इन्हें मिला है।
यह पूछे जाने पर कि सदन काफी शांतिपूर्ण है, महतो ने पूछा कि आप क्या चाहते हैं। इन्हें भी अशांत कर दें। सदन शांतिपूर्वक ही चलनी चाहिए। सदन के अंदर बैठे सभी जनप्रतिनिधियों का एक ही लक्ष्य होता है। सभी एक ही डोर से बंधे होते हैं कि जनसमस्याओं को उचित प्लेटफॉर्म पर रखें और उसका समाधान हो। झारखंड विधानसभा की स्थापना के तीन दिवसीय समारोह के समापन के बारे में पूछने पर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वह इससे बेहद संतुष्ट हैं। हमलोग बेहतर करते हैं, लेकिन उसे इस तरह से परोसा जाता है कि अगले दिन हमें खराब लगता है।
झारखंड विधानसभा में छात्र संसद अच्छा प्रयास : सीपी सिंह
भाजपा के नेता और झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने अच्छा प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह छद्म विधानसभा है। छद्म विधानसभा और असल विधानसभा में अंतर होता है। आज शांतिपूर्ण माहौल में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सदन चलाया। वास्तव में ऐसा नहीं होता है। सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे से सवाल पूछते हैं। कई बार ऐसा माहौल बन जाता है कि सत्ता पक्ष के गलत निर्णयों का भी उस पक्ष के लोग समर्थन करते हैं। वहीं, विपक्षी दल भी सत्ता पक्ष के बेहतर फैसले की भी आलोचना करते हैं। सदन में लोग ह्विप से बंधे होते हैं। उन्होंने कहा कि जब नये सदस्य चुनकर विधानसभा आते हैं, तो विधानसभा का सत्र आहूत करने से पहले चार-पांच दिन का ट्रेनिंग कैंप लगना चाहिए। तब उसका कुछ सार्थक परिणाम सामने आयेगा।