Ranchi: । शहर के पहाड़ी मंदिर और मेन रोड में स्थित संकट मोचन मंदिर में समिति गठन के मामले में सांसद संजय सेठ ने शनिवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखा है। पत्र में सांसद ने कहा है कि आईएनडीआईए गठबंधन ने सनातन को समाप्त करने का संकल्प लिया है। इसके बाद राज्य सरकार के संरक्षण में इन मंदिरों की समिति का गठन किया गया है। ऐसे में आशंका है कि ऐसे लोग सनातन को नुकसान पहुंचाने के लिए भी कार्य करेंगे। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए समिति को निरस्त करने का अनुरोध किया है।
राज्यपाल को लिखे पत्र में सांसद ने कहा है कि झारखंड सरकार आईएनडीआई एलायंस के तहत संचालित हो रही है। इनके नेताओं ने अभी कुछ दिन पूर्व सनातन विरोधी कई बयान दिए हैं। इसके बाद झारखंड सरकार ने धार्मिक न्यास बोर्ड की घोषणा की है। बोर्ड की घोषणा के साथ ही इनके जरिये कई अनर्गल फैसले किए जा रहे हैं, जो हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले हैं। झारखंड के दो प्रसिद्ध मंदिर पहाड़ी मंदिर एवं संकट मोचन हनुमान मंदिर मेन रोड, रांची के प्रबंध समिति में हस्तक्षेप करते हुए इन्होंने नई समिति की घोषणा कर दी है।
सांसद ने कहा कि यह बेहद दुःखद है कि समिति बनाने के पूर्व न तो किसी की राय ली गई और न ही कोई बैठक बुलाई गई। बिना किसी जांच पड़ताल या नोटिस दिए लोगों की कमेटी बना दी गई। इसे लेकर सम्पूर्ण सनातन समाज में रोष व्याप्त है। सांसद ने आग्रह किया है कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए सरकार के उक्त निर्णय को निरस्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।
संकट मोचन हनुमान मंदिर के संचालक श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर सूर्य नारायण दास त्यागी ने न्यास पर्षद का किया विरोध
संकट मोचन हनुमान मंदिर के संचालक श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर सूर्य नारायण दास त्यागी बाबा ने न्यास बोर्ड का नया कमिटी का विरोध किया है। उन्होने कहा की पहले कोई कमिटी नही थी 1974 से मैं सेवा कर रहा हूं 1987 में गुरु जी का शरीर छूटने के बाद से मैं मंदिर का संचालन कर रहा हूं फिर किस कमिटी को भंग करके नया कमिटी का गठन किया गया।
मंदिर में चाहे कोरोना हो या पथराव सरकार के कोई भी लोग देखने नही आए ये मंदिर समाज का है ,मंदिर को सरकार अपना नियंत्रण में लेना चाह रही है। जो की गलत है जिस प्रकार अन्य धर्म के धर्म स्थल को स्वतंत्रता प्राप्त है उसी प्रकार भारत के सभी मंदिर मठ को आजादी मिलनी चाहिए । ये सरकार का रवैया सनातन के प्रति ठीक नहीं है । सरकार को हम आपलोग के माध्यम से सूचित करना चाहते है की इस प्रकार का सनातन के प्रति रवैया ठीक नही है ,सरकार को सनातनी को बार बार तंग नही करना चाहिए
कुछ लोग सनातन को मिटाने का सड़यन्त्र कर रहे है उनके खिलाफ कारवाई के बजाय मंदिर और संतान के संस्कृति के प्रति अघात सरकार कर रही है। मंदिर का संचालन निर्मोही अखाड़ा अयोध्या के साधु संत समाज शुरू से करते आ रहा और आगे भी निर्मोही अखाड़ा के माध्यम से मंदिर संचालित होगा।