Ramgarh: एडीजे वन शेषनाथ सिंह की अदालत ने सोमवार को एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या मामले में सुनवाई करते हुए आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को दोषी करार दिया है। सोमवार को यह फैसला सुनाया है। सजा के बिंदु पर 16 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा। लोक अभियोजक आरबी राय ने बताया कि आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह के खिलाफ 16 लोगों की गवाही हुई थी। इसके अलावा घायल संजय राम व उसकी छोटी बहन सुमन कुमारी अनुसंधानकर्ता संजीव बेसरा ने भी अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया था। सभी गवाहों के बयान के आधार पर पवन कुमार सिंह को दोषी करार दिया गया है।जवान पूर्व से रामगढ़ उपकारा में बंद था। सोमवार को दोषी करार दिए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा में रामगढ़ उपकारा भेज दिया गया।
क्या है मामला
17 अगस्त 2019 की रात बरकाकाना ओपी क्षेत्र के रेलवे क्वार्टर 10 में तीन लोगों की हत्या हुई थी। आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह ने अपनी गर्भवती प्रेमिका वर्षा देवी उर्फ मीना देवी, प्रेमिका के पिता अशोक राम, प्रेमिका की मां लीलावती देवी की हत्या कर दी थी। इस वारदात में सुमन कुमारी और संजय राम भी जख्मी हुए थे।
पुलिस के अनुसार पवन कुमार सिंह अपने सर्विस रिवाल्वर लेकर अशोक राम के घर पहुंचा था वहां वह इतने गुस्से में था कि खिड़की से ही गोलियां बरसाने लगा था, जिस कमरे में अशोक, वर्षा, सुमन और लीलावती देवी थे वहां उसने अंधाधुंध फायरिंग की। पूरा कमरा खून से लाल हो गया था। इस वारदात के चश्मदीद गवाह संजय को भी भागते वक्त पवन ने पैर में गोली मारी थी।
हत्यारा आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह बिहार राज्य के भोजपुर जिले के करथ गांव का निवासी है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था। जब कोई रास्ता नहीं मिला तो आरपीएफ के डीएसपी दीपक सिन्हा ने पुलिस टीम को एक अगुआ के रूप में इस्तेमाल किया था। पुलिस के ही लोग पवन के पिता विनोद सिंह के पास शादी का प्रस्ताव लेकर गए थे। इसी दौरान उन लोगों ने लड़का देखने की बात की। जब पवन को लगा कि वह किसी रिश्ते में बंधने जा रहा है, तब वह अपने घर आया। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ा था।