बेगूसराय।
महागठबंधन में शामिल भाकपा और माकपा को बेगूसराय के 4 सीट दे दिए जाने के बाद यहां कांग्रेस और राजद के नेताओं में खलबली मची है। इन दलों के वर्तमान में सिटिंग एमएलए सहित टिकट की बाट जो रहे कई नेताओं अब निर्दलीय एवं अन्य दलों के सहारे चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुट गए हैं। सीट शेयरिंग फार्मूले के तहत भाकपा और माकपा को बेगूसराय के 4 विधानसभा सीटें दी गई थी। इसके तहत शनिवार को इन दलों द्वारा इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई।
रविवार को भाकपा प्रदेश नेतृत्व ने बेगूसराय के बखरी, तेघड़ा और बछवाड़ा तथा माकपा द्वारा मटिहानी से अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बखरी सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से सूर्यकांत पासवान, तेघड़ा से राम रतन सिंह और बछवाड़ा से पूर्व विधायक अवधेश राय को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (माकपा) ने मटिहानी से पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
प्रत्याशियों की अधिकारी घोषणा होने के साथ ही यहां की राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। बखरी विधानसभा सीट वर्तमान में राजद के कब्जे में है। इस सीट को भाकपा के पाले में दे दिए जाने के बाद यहां के विधायक उपेंद्र पासवान का पत्ता साफ हो गया है। संभावना है कि वे अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे। बछवाड़ा से पूर्व विधायक रहे रामदेव राय के पुत्र गरीबदास कांग्रेस से प्रबल दावेदार थे, साथ ही वर्तमान में इस विधानसभा से सिटिंग एमएलए होने के कारण उनके द्वारा चुनाव की पूरी तैयारी की जा रही थी। तेघड़ा से राजद विधायक धीरेंद्र महतो के जदयू में चले जाने के बाद राजद जिला अध्यक्ष मोहित यादव को इस सीट पर प्रबल दावेदार माना जा रहा था। मटिहानी सीट पर कांग्रेस की दावेदारी थी। पार्टी की ओर से इस सीट पर अभय कुमार सिंह, कारोबारी राजकुमार सिंह व एनएसयूआई नेता निशांत कुमार दावेदार माने जा रहे थे। इधर यह चारों सीटें वामदलों को दे दिए जाने के बाद महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बागी बन कर चुनाव मैदान में उतरने से चुनावी समीकरण के बिगड़ने की संभावना है।