Ranchi: ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की 39 करोड़ 28 लाख की संपत्ति अटैच की गई है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शपथ पत्र दाखिल करके यह जानकारी दी। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की संपत्ति मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह करने वाली पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में ईडी की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया। ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वीरेंद्र राम की 39 करोड़ 28 लाख 82 हजार 578 रुपए की संपत्ति अटैच की गई है।
मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विजिलेंस कमिश्नर से अनुमति मिलने के बाद 9 मई के बाद वीरेंद्र राम की संपत्ति की जांच शुरू की गई है। कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार को ईडी के जवाब पर अपना प्रतिउत्तर देने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राजीव कुमार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वीरेंद्र राम के पास अकूत संपत्ति की जानकारी विभागीय मंत्री को नहीं होगी, ऐसा संभव नहीं है। सभी के साठगांठ से भ्रष्टाचार का यह खेल हुआ है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ईडी और एंटी करप्शन ब्यूरो( एसीबी) को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था की जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के जमशेदपुर आवास से नवंबर, 2019 में करीब ढाई करोड़ रुपये बरामद हुए थे। एसीबी ने इस मामले में सिर्फ सुरेश प्रसाद को जेल भेज दिया, लेकिन बाकी के खिलाफ किसी तरह की न तो जांच की गई और न ही कोई कार्रवाई नहीं हुई।