Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के शपथ लेने पर उन्हें बधाई दी। साथ ही कहा कि लोकतंत्र में जनादेश सेवा के लिए मिलता है लेकिन आज हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि इंडी एलायंस 2019 विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश का उपयोग केवल शिबू सोरेन परिवार की जागीर को बचाने के लिए किया जा रहा।
मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन परिवार की डिक्शनरी में आदिवासी का मतलब केवल उनका परिवार होता है। बाकी आदिवासी परिवारों को ये अपना पिछलग्गू बनाकर ही रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये वही चम्पाई सोरेन हैं, जिन्होंने झामुमो सुप्रीमो गुरुजी के साथ कदम से कदम मिलाकर आंदोलन में साथ दिया। सुख-दुख के सहभागी बने लेकिन आज उन्हें अहसास कराया गया कि वे भले पुराने आंदोलनकारी हैं, योग्य हैं, कर्मठ हैं लेकिन आपको नेतृत्व करने की छूट नहीं, केवल निर्देश के पालन का अधिकार है।
मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन का बेटा तीन महीने भी बिना पद का नहीं रह सका। वेकैंसी नहीं थी तो क्रिएट कर दिया गया लेकिन आज राज्य के होनहार प्रतिभाशाली लाखों युवा विभिन्न विभागों में वेकैंसी के बावजूद दर-दर भटक रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के लाखों बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति वर्ष में भी नियुक्ति नहीं मिली लेकिन अकारण एक मुख्यमंत्री को हटाकर नए मुख्यमंत्री चुनने में एक घंटे भी नहीं लगे।
मरांड ने कहा कि ऐसा लगता है चम्पाई सोरेन पूरी तरह से हेमंत सरकार पार्ट-2 नहीं बन पाए, जिसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ी। मरांडी ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 13वें मुख्यमंत्री के रूप में परिवार से ऊपर उठकर राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की सेवा करने की सलाह दी।