प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर भाजयुमो का राजभवन के पास धरना, सीबीआई जांच की मांग
Ranchi: भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ओर से जेएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर गुरुवार को राजभवन के समीप एकदिवसीय धरना दिया गया। धरना में शामिल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार के विरोध में भाजयुमो के कार्यकर्ता एकत्र होकर राजभवन के पास धरना में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार सिर्फ नवजवानों के साथ ही नहीं पूरे प्रदेश के साथ है।
बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण में जेएसएससी के कुकर्म की सजा युवा ही नहीं पूरा प्रदेश भुगत रहा है। झारखंड के लोग माड़ भात खाकर अपने बच्चों की किसी तरह पढ़ाते हैं, बच्चे दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि किसी तरह से सफल हो जाए, वैसे होन हार बच्चों के साथ यह सरकार आघात कर रही है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई पैसा लेकर युवा पदाधिकारी या कर्मचारी बनता है, तो यह स्पष्ट है कि करप्शन की बुनियाद पड़ेगी और उससे करप्शन ही फले फूलेगा। पहले भी ऐसी कई तरह की परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आई थी, लेकिन तब हेमन्त सरकार मानने को तैयार नहीं थी, लेकिन छात्रों ने जब सड़क पर उतर कर विरोध किया और सारा सबूत दिखाया तो सरकार को स्वीकार करना पड़ा। जब छात्र अपने अधिकार को लेकर सड़क पर उतरते हैं तो उसके ऊपर लाठीचार्ज कर घायल किया जाता है। संगीन धाराओं के साथ केस कर डराने की कोशिश की जाती है।
मरांडी ने कहा कि मैं शुरू से कह रहा था कि इतना बड़ा पेपर लीक का घोटाला बिना ‘ऊपर’ अर्थात मुख्यमंत्री कार्यालय की संलिप्तता के बगैर नहीं हो सकता है। आज यह बात साबित हो रही है। यह बातें मैं शुरू से कह रहा था लेकिन आज ईडी ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए 539 पन्नों की जो जानकारी कोर्ट में दी है, उसमें लिखा गया है कि हेमंत के करीबी मित्र आर्किटेक्ट विनोद सिंह के मोबाइल और घर से छात्रों के बड़ी संख्या में एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें पैसे लेकर बहाल किया जाना था।
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने कहा कि आज झारखंड का हर युवा छात्र इस भ्रष्ट सरकार से परेशान और तंग हो चुका है। पांच लाख का वादा करके सत्ता में आई सरकार ने झारखंड के युवाओं की चिंता नहीं की, बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा वादा झारखंड के युवाओं से किया। इस सरकार को युवाओं को बरगलाने के बजाए जेएसएससी चेयरमैन के ऊपर नामजद एफआईआर करना होगा और पेपर लीक की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवानी होगी। जबतक ऐसा नहीं होगा तब तक युवा मोर्चा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करते रहेगी।