Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण का आगाज सोमवार को विपक्षी विधायकों के हंगामे के साथ हुआ। नियोजन नीति कब तक लागू होगी, बनाने का आधार क्या है, जैसे प्रश्नों के साथ विपक्ष के विधायकों ने वेल तक पहुंच कर हंगामा किया। वहीं झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि नियोजन नीति को पहले सदन में लाना था पर सरकार ने कैबिनेट में लाया।
सदन के बाहर सीढ़ियों पर बैठे भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया, जहां नियोजन नीति पर भाजपा के विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि नियोजन नीति में 60-40 नाय चलतो। भाजपा के विधायकों ने ठगने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि यह सरकार युवा विरोधी है।
विधायक नीरा यादव ने कहा कि युवा-युवतियों को ठगने वाली सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री को नियोजन नीति पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सदन में इस पर विशेष चर्चा होनी चाहिए। लेकिन जो सरकार का रुख है उससे साफ लगता है कि यह सरकार युवाओं के हितों के लिए काम करना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष पांच लाख रोजगार का वादा कर सत्ता में आयी हेमन्त सरकार साढ़े तीन वर्ष में साढ़े 300 युवाओं को भी नौकरी नहीं दे पाई। वर्ष 2021 को रोजगार वर्ष घोषित किया। कहां गया रोजगार। सच्चाई यह है कि इस सरकार को जनता से नहीं मतलब है। मतलब है तो कैसे अपनी झोली को भरे।
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि यह सरकार लोगों को नौकरी देना ही नहीं चाहती है। तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है लेकिन सरकार जो वादा करके आई थी उसे पूरा करने में पूरी तरह से फेल रही है। झारखंड के पांच लाख युवाओं ने ट्विटर अभियान के जरिए सरकार के नियोजन नीति पर अपना विरोध जताया है। उससे साबित होता है कि मुख्यमंत्री ने सदन और सदन के बाहर जिस तरह से यह कहा था कि 1932 लागू करेंगे और फिर कहते हैं युवाओं की भावना के अनुरूप नियोजन नीति लाएंगे, लेकिन फर्जी तरीके से 75 प्रतिशत युवाओं के द्वारा फीडबैक दिए जाने की बात कह कर चुपचाप तरीके से नियोजन नीति में संशोधन कर दिया, उससे झारखंड के छात्र नाराज हैं।
माले विधायक विनोद सिंह ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नियोजन नीति स्पष्ट नहीं होने से आज युवा एक बार फिर सड़कों पर है और अपने गुस्से का इजहार सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि स्थिति स्पष्ट करें और युवाओं को नौकरी देने का काम करें।
सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री सरकार के बचाव में उतरे
विपक्ष के हमले को देखते हुए सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री सरकार के बचाव में उतरे। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जानबूझकर विवाद पैदा करना चाहते हैं। यदि हिम्मत है तो 1932 खतियान आधारित स्थानीयता का वह समर्थन खुलकर करे। मगर वह ऐसा नहीं करना चाहते है। उन्होंने सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय को सही बताते हुए कहा कि सरकार सदन में चर्चा से भागना नहीं चाहती है मगर विपक्ष बाहर कुछ और अंदर कुछ बोलकर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है।
पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि युवा विपक्ष के साजिश का शिकार ना हों। सरकार ने जो फैसले लिए हैं वह आने वाले समय में झारखंड के युवाओं के लिए लाभदायक साबित होगा। ट्विटर आंदोलन को मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विपक्ष प्रायोजित बताते हुए कहा कि इसमें भाजपा सुनियोजित रूप से भूमिका निभा रही है जिसका खुलासा हो चुका है। सदन में नियोजन नीति को लेकर सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार है, मगर विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं होता है।