Ranchi: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिस तरह से चम्पाई सोरेन को अपमानित कर मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल किया, उसकी पीड़ा अब चम्पाई के बयानों में दिखाई देने लगी है। बाबूलाल ने शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए कहा कि हेमंत सोरेन में असुरक्षा की भावना इस कदर घर कर गई है कि उन्हें अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों पर भरोसा नहीं रहा। हेमंत सोरेन और उनका परिवार झामुमो के आदिवासी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सिर्फ दरी बिछाने और झंडा ढोने के योग्य समझता है।
बाबूलाल के मुताबिक चम्पाई सोरेन ने धीरे-धीरे ही सही लेकिन सकारात्मक राजनीति की ओर कदम बढ़ाया था। पार्टी कैडरों के बीच चम्पाई की बढ़ती स्वीकार्यता देख हेमंत विचलित हो उठे। चम्पाई के प्रकरण को देखकर अब उम्मीद है कि जल-जंगल-जमीन और झारखंड राज्य का आंदोलन करने वाले आदिवासी नेता, कार्यकर्ता झारखंड की अस्मिता और यहां के संसाधनों को किसी परिवारवादी व्यक्ति के हाथ में नहीं सौंपेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद चम्पाई जब शुक्रवार को पहली बार गृह जिला सरायकेला पहुंचे थे तो एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्हें हेमंत सरकार में मंत्री पद की लालसा नहीं है। उन्हें थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाते।