Ranchi: नये हिट एंड रन कानून में बदलाव की मांग को लेकर एक से तीन जनवरी तक घोषित हड़ताल का असर दूसरे दिन मंगलवार को भी देखने को मिला। इस प्रदर्शन में अब बस और ऑटो ड्राइवर भी शामिल हो गये हैं। राज्य के प्रमुख बस और ऑटो पड़ावों में वाहनों को खड़े देखा जा रहा है। जिन इलाकों में बस और ऑटो चल रहे है, वहां ट्रक ड्राइवर समर्थन मांग कर परिचालन बंद करने की मांग कर रहे है। राज्य के कुछ हिस्सों की स्थिति अब ऐसी है कि जहां मालवाहक वाहनों में लोड किये गये हैं। वहां अनलोडिंग नहीं हो रही है। जबकि राज्य में प्रमुख रूप से खाद्यान्न और अन्य जरूरती सामान दूसरे राज्यों से आते हैं। ऐसे में आने वाले समय में संकट बढ़ने की संभावना है।
राज्य के लगभग एक लाख ट्रक इस दौरान हड़ताल पर हैं जबकि 95 फीसदी बस और ऑटो का परिचालन ठप देखा जा रहा है। जमशेदपुर, मेदिनीनगर, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, कोडरमा से ट्रक ड्राइवर वाहन रोक कर विरोध दर्ज कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है। इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा। अभी ड्राइवर खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं।
मालवाहक गाड़ियों से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन में ये वाहन बड़ी भूमिका निभाते हैं। खनिज से लेकर खाद्यान्न तक की आपूर्ति इन वाहनों से होती है। ऐसे में इन ट्रकों के बंद होने से राज्य में अलग अलग चीजों की आपूर्ति में आने वाले एक दो दिनों में असर देखा जायेगा। विशेष असर पेट्रोल-डीजल, सब्जी जैसी अति आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में देखा जायेगा। हालांकि, अभी तक किसी भी एसोसिएशन की ओर से ट्रक ड्राइवरों के हड़ताल की विधिवत घोषणा नहीं की गयी है लेकिन फिर भी ट्रक ड्राइवर हड़ताल में चले गये हैं।
क्या है हिट एंड रन कानून
केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन मामले में नया कानून पेश किया है, जिसके मुताबिक यदि कोई भी डंपर या ट्रक चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे दस साल की सजा होगी। वहीं, सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जायेगा। पहले इस मामले में अभियुक्त को कुछ दिनों में जमानत मिल जाती थी और वो जेल से बाहर आ जाता था। पुराने कानून के तहत दो साल की सजा का प्रावधान था लेकिन नये कानून के तहत सजा की अवधि दस साल है, जिससे ट्रक चालक विरोध कर रहे हैं।