भाजपा विधायक जनता के सवालों को सदन में पूछ रहे
भाजपा निलंबन से डरने वाली नही
सत्ता पक्ष जैसा चाहेगा ,सदन वैसा नही चलेगा।
सत्ताधारी के पास भले आज संख्या बल है, लेकिन जन समर्थन भाजपा और एन डी ए के पास
Ranchi : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज भाजपा विधायकों के निलंबन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा हेमंत सोरेन जी की कुर्सी हिल रही ,इसलिए वे परेशान हैं। राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर जवाब देने से भाग रहे।उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक सदन में मुख्यमंत्री से वही पूछ रहे जो उन्होंने सदन के बाहर और भीतर वादे किए थे।
कहा कि 5 लाख प्रतिवर्ष नौकरी नही तो बेरोजगारी भत्ता। साल में प्रत्येक परिवार को 72000 रुपए देना,प्राइवेट कंपनी में भी युवाओं को रोजगार में 75% आरक्षण दिलाना।ये सभी वादे इसी सरकार ने किए थे जो एक भी पूरे नही हुए।कहा कि न नियोजन नीति बनाई, न स्थानीय नीति। उल्टे नगर निगम में विगत दिनों हुई 28बहाली में मात्र 11लोग झारखंड के हैं और 17बाहरी हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक तो इन्हीं मुद्दों पर बहस चाहते है,जवाब चाहते हैं।इसमें कौन सा अपराध है जिसके कारण विधायकों को निलंबित किया गया।उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी कारवाई से डरनेवाली नही। आज भले सत्ता पक्ष संख्या बल में ज्यादा हैं लेकिन जन समर्थन भाजपा और एन डी ए के पास है।
इमरजेंसी के बाद का सबसे बड़ा काला अध्याय : अमर कुमार बाउरी
झारखंड विधानसभा के जारी मानसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार काे नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर से कहा कि आपने 18 विधायकों को निलंबित कर दिया। यह इमरजेंसी के बाद सबसे बड़ा काला अध्याय है। सजा सुनाने से पहले सुनना चाहिए था। इसी सदन में देखा है कि स्पीकर पर जूते चले हैं। उसके बाद भी निलंबन नहीं हुआ। हम लोगों ने कुर्सी नहीं तोड़ी। माइक भी नहीं तोड़ा। संविधान में विरोध करने का अधिकार है। 2019 में जो सरकार बनी थी और जो वायदे किये गये थे, उसे हम सुनना चाहते हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा को पाकुड़ के गोपीनाथपुर नहीं जाने दिया गया। पत्रकारों को नहीं आने दिया गया। ये सभी घटनाएं सरकार के दबाव में हुई हैं। सरकार के दबाव में विधायकों का निलंबन हुआ है। हाउस अरेस्ट जैसा कर दिया गया। हम लोगों को निकाल कर बाहर किया गया।
बाउरी ने कहा कि यह अत्याचार की पराकाष्ठा है। हमने ऐसा कुछ भी नहीं किया। अहिंसा के तहत हम बैठे हुए थे। बुधवार रात में जब हम लोग आम लोगों के सवाल पर सदन में थे। तब मार्शल ने जबरन टांगकर बाहर कर दिया। जनता के मुद्दों पर लोकतंत्रिक तरीके से आंदोलन करना हमारा धर्म है। गांधीवादी तरीके से विपक्ष अपनी बात रख रहा था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पत्नी धर्म निभाते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन जब यह बोलती हैं कि पांच महीने का हिसाब कौन देगा। तब वह पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का अपमान करती हैं। चंपाई सोरेन शिबू सोरेन के हनुमान हैं। वो वरिष्ठ नेता हैं। वे हेमंत सोरेन का पार्ट टू भी बताते हैं। लेकिन ये लोग परिवार के बाहर किसी दूसरे को स्वीकार नहीं सकते।
मुझे भी सस्पेंड कर देते, बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है : नीलकंठ सिंह मुंडा
भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मैं भी साथ था। मेरा क्या दोष था, मुझे भी सस्पेंड कर देते। बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरा क्या दोष था जो मुझे नहीं निकाला गया। मुझे भी सस्पेंड कर दें। मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मुझे जाति से निकाल दिया गया है। मुझ पर संदेह किया जा रहा है। आप पर भी बाहर में संदेह किया जा रहा है। मुझे भी सस्पेंड कर दीजिये। दरअसल, भाजपा के 18 विधायकों को स्पीकर ने निलंबित किया है लेकिन निलंबित विधायकों में नीलकंठ सिंह मुंडा का नाम नहीं है।
विधायकों के निलंबन पर पुनर्विचार करें : सुदेश कुमार महताे
सदन की कार्यवाही दूसरी बार शुरू होते ही सुदेश महतो ने स्पीकर रबिंद्रनाथ महतो से निलंबन पर पुनर्विचार का आग्रह किया। सरकार ने अपना कमिटमेंट पूरा नहीं किया। सरकार का उत्तर आना चाहिए था। कार्यमंत्रणा समिति में एक बार भी नहीं ले गये। ऐसे मामलों में बीच का रास्ता निकालने के लिए ही कार्य मंत्रणा की भूमिका होती है। इतना कठोर नहीं होना चाहिए। सरयू राय ने भी कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुला ली जानी चाहिए।