Ranchi: झारखंड में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है। बीते एक सप्ताह में राज्य भर में करीब दर्जन भर से ज्यादा लोगों की जान हाथियों के कुचलने से हो गई है। रांची के इटकी थाना क्षेत्र में एक जंगली हाथी ने 5 लोगों की जान ले ली है। वहीं कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। जिसे रिम्स में भर्ती कराया गया है। मृतकों में गढ़गांव निवासी पुनई उरांव, मोरो बोड़ेया निवासी गोयंदा उरांव और सुखबीर उरांव उर्फ सुखबीर किंडो की मौके पर ही मौत हो गई है। जबकि एक की मौत अस्पताल लाने के क्रम मे और एक की रिम्स मे चिकित्सा के क्रम में मौत हुई है। बताया जा रहा है कि इटकी थाना क्षेत्र में जंगल से हाथियों का झुंड इटकी के गढ़गांव पहुंचा। वहीं, मृतकों में पुनई उरांव का शव अभी तक हाथी के पास ही पड़ा है। शव के पास से नही हट रहा है। गुस्साया जंगली हाथी किसी को शव ले जाने नहीं दे रहा है। वह लोगों पर हमला कर रहा है।
दूसरी ओर जंगली हाथी को देखने के लिए पूरा गांव जमा हो गया है। वन विभाग और जिला प्रशासन लोगों को दूर रहने की अपील कर रहा है। मगर भीड़ हट नहीं रही है। उनसे अपील कर रही है कि वह हाथी से दूरी बनाए रखें। लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं। अपने स्तर से भी हाथियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं।
एसडीओ ने इटकी और आस पास के क्षेत्र में धारा-144 लगा कर ध्वनि विस्तार यन्त्र से चेतावनी देना शुरू कर दिया है।
रांची के ईटकी प्रखंड में हाथियों के झुंड को लेकर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई है। इसको लेकर एसडीओ दीपक दुबे ने कहा है कि भीड़ में शामिल ग्रामीणों द्वारा हाथियों के झुंड के पास आकर उन्हें भगाने का प्रयास किए जाने से जान-माल की क्षति की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में प्रभावित इलाकों में भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए में जानमाल की क्षति रोकने के लिए पूरे ईटकी प्रखंड में धारा-144 लागू की गई है। यह निषेधाज्ञा 21फरवरी के पूर्वाहन से अगले आदेश तक के लिए लागू रहेगा।
इन बिंदुओं पर लागू हुई है निषेधाज्ञा
जारी सुचना में कहा गया है कि पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों /कर्मचारियों एवं अंत्येष्टि कार्यक्रम को छोड़कर)।, किसी प्रकार का ध्वनि नही करना है विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना (सरकारी कार्य में लगे लोग करेगे पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों को छोड़कर।, किसी प्रकार का हरवे-हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर)नही है।
किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे-बंदुक, राईफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारूद आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर) प्रतिबन्ध। किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा का आयोजन करना नही करना है।जंगली हाथी का जो रूप देखा जा रहा उससे लोगो का कहना है की वो पागल हो चुका है।