Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) की छापेमारी जारी है। यह छापेमारी मंगलवार सुबह पांच बजे से शुरू हुआ है और बुधवार को भी जारी है। वीरेंद्र राम और आलोक रंजन फिलहाल ईडी की हिरासत में है। पूछताछ में ईडी के सामने वीरेंद्र राम ने कई बड़े व्यक्तियों के साथ अपने संबंधों का भी खुलासा किया है।अब तक जानकारी के अनुसार राम के यहां 150 सौ करोड़ की सम्पत्ति मिली है साथ ही दो करोड़ के स्वर्ण आभुषण हीरे जवारात बरामद किया गया है।
चीफ इंजीनियर राम के पास इतनी अकूत धन कहां से आया इसकी जानकारी ईडी पता कर रही है। ईडी ने वीरेंद्र राम के पास एक लैपटॉप और कुछ पैन ड्राइव बरामद किया है। जो सनसनीखेज है। ईडी के खास सूत्र के अनुसार पैन ड्राइव में एनडीए और युपीए के प्रमुख जनप्रतिनिधि का नाम शामिल है, जिसमें लेन-देन का ब्यौरा अंकित है। जैसा की बताया गया है कुछ शीर्ष ब्यूरोक्रेट के नाम है ।विभाग के कुछ लोगो के नाम लिखे हैं जिन्होने जिलों से धन लाकर दिया है और ठेकेदार जिन्होने नकदी लाकर दी थी। सूत्र का कहना है की इस भ्रष्टाचार के वीरेंद्र राम किंगपीन की तरह थे। सूत्र का कहना है की वीरेंद्र राम को बचाने के लिए पैरवी शुरू हो गई है।झारखंड के एक बड़े नेता का नाम सामने आ रहा है जिन्होने दिल्ली से पैरवी आरम्भ की है। पैन ड्राइव और डायरी खुलने के वाद कई सफेदपोश इसके लपेटे में आयेगे ।
झारखंड सरकार का ग्रामीण विकास विभाग शुरू से ही विवाद का केंद्र रहा है
ईडी की छापेमारी के बाद मुख्यालय समेत प्रमंडल कार्यालय में सन्नाटा पसर गया है।इस सम्बन्ध में अधिकारी से लेकर चपरासी तक बात करना नही चाहता है। वीरेंद्र राम के करीबी संबंधों के कारण आधा दर्जन से अधिक राजनेता ईडी की रडार पर आ गये हैं। जानकारी के मुताबिक ईडी बीते कुछ माह से वीरेंद्र राम को अपने सर्विलांस पर रखे हुई थी। सर्विलांस के दौरान भी कई नेताओं तक पैसे पहुंचाने की जानकारी ईडी को मिली है। सूत्र का कहना है की सरकार के एक प्रमुख मन्त्री भूमिगत है । उनका मोबाईल स्वीच आफ आ रहा है ।
मंगलवार की रात उनके आवास पर तीन गाड़ी एक साथ पहुंची थी जो कुछ सामान लाद कर चली गई। ईडी वीरेंद्र राम के संरक्षक, शुभचिंतक और विभाग के कुछ अभियन्ता से पुछ ताछ कर सकती है। ईडी ने रांची के अशोक नगर रोड नंबर चार और आसपास निगाह बनाई हुई है । राम के कुछ खास अभियन्ता का उस क्षेत्र में आवास बताया जा रहा है जो वीरेंद्र राम के कैरियर का काम करते थे।उल्लेखनीय है कि 2019 में एक कार्रवाई के दौरान वीरेंद्र राम के अधीनस्थ काम करने वाले एक इंजीनियर के पास से दो करोड़ 90 लाख रुपये मिले थे। बताया जा रहा है कि उस समय जब्त किए गये पैसे भी वीरेंद्र राम के ही थे। ईडी ने उसी समय वीरेंद्र राम पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।