Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता Supriyo Bhattacharya ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले तो बाबूलाल विस्थापित थे लेकिन अब वे बेरोजगार भी हैं। जिस तरह से वे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सीनियर लीडर शिबू सोरेन के लिए भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वह राजनीतिक समाज में प्रदूषण है। ऐसे लोग जब तक रहेंगे, प्रदूषण मुक्त होना कठिन है। उनका स्तर ऐसा हो गया है कि वे शव पर भी राजनीति करने लगे हैं।
भट्टाचार्य मंगलवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इन्होंने झारखंड स्थापना की नींव में चूना डालने का काम किया था। जब बाबूलाल मुख्यमंत्री थे तो तपकारा गोलीकांड हुआ था, वे पीड़ितों के परिजनों से मिलने गये थे क्या। नेतरहाट में गोलियां चलीं, लोग शहीद हुए लेकिन वे नहीं गये। पिछले दिनों पनौती को लेकर देशभर में चर्चा थी। इसी तरह झारखंड में अब चुनौटी की बात होती है। हर अच्छे कामों में वे चूना लगाने की कोशिश करते हैं। यह चुनौटी बाबूलाल हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना की तरह मलेरिया भी एक बड़ी आपदा है। इससे बचाव की विशेष व्यवस्था करनी होती है। सुंदरपहाड़ी के जिस बीहड़ एरिया में मलेरिया फैला, वहां आदिम जनजाति, माल पहाड़िया समाज के लोग रहते हैं। वे ऐसी ही जगहों पर वास भी करते हैं। ऐसे में उन्हें विस्थापित नहीं किया जा सकता। मलेरिया फैलने की खबर मिलते ही हमारे पार्टी के स्थानीय सांसद विजय हांसदा वहां पहुंचे।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कैंप की व्यवस्था हुई। हालांकि, कुछ बच्चों की मौत भी हुई। भाजपा वाले वहां लाश पर राजनीति करने पहुंच गये। सबसे पहले गोड्डा सांसद पहुंच गये और मेडिकल कैंप में कहा कि इलाज की कोई सुविधा नहीं है। बाबूलाल मरांडी भी मोटरसाइकिल से वहां पहुंच गये जबकि एंबुलेंस वहां पहुंच गया था। प्रभावित परिवारों तक मुआवजा भी सरकार के स्तर से पहुंच गया। बाबूलाल ने अनर्गल आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री क्यों नहीं पहुंचे।