Ranchi: पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर समीक्षा बैठक की। इस दौरान डीजीपी ने अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीजीपी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी के साथ विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर बैठक आयोजित की।
डीजीपी ने एक जनवरी से अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में रंगदारी, लेवी वसूलने के उदेश्य से अपराधियों , उग्रवादियों के जरिये संपत्ति का नुकसान करने संबंधी मामले की समीक्षा करते हुये उनके खिलाफ दर्ज मामलों में हुई गिरफ्तारी, दर्ज मामले में कितने व्यक्तियों पर आरोप पत्र की स्थिति, कितने व्यक्ति इसमें फरार हैं एवं फरार के खिलाफ वारंट-कुर्की जब्ती के बिंदुओं की विस्तृत जानकारी ली। साथ ही लेवी का पैसा मांगने वाले के नम्बर का सत्यापन कराते हुये प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों, घनघोर नक्सल समस्याग्रस्त इलाकों को छोडकर सभी पुलिसकर्मी, गृहरक्षकों, जैप एवं सैप सहित अन्य सभी बल के जवान, जिलों के ट्रैफिक थानों एवं पोस्टों पर तैनात, थानों में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों सहित सभी पेट्रोलिंग पार्टी के जवानों को नियमित रूप से नेम प्लेट पहनने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने सभी जिलों में कार्यरत महिला थानों की समीक्षा के दौरान महिला थाना में महिला थाना प्रभारीऔर अन्य महिलाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति, थाना को संचालित करने के लिए पर्याप्त स्थान, हाजत इत्यादि की आवश्यकता, नियमित रूप से महिला अपराध से संबंधित दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, महिला थाना प्रभारी का जिला के अन्य थानों में हो रहे महिला संबंधी अपराधों में उपयोग, महिला थाना में भुक्तभोगी महिलाओं के साथ पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों का व्यवहार, महिला थानों में मोबाईल फोन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, गाड़ी एवं फर्नीचर इत्यादि की स्थिति की समीक्षा करते हुये अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने ने राज्य के सभी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थानों की स्थिति, थाना में नियमित रूप से दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, भुक्तभोगी के साथ पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के व्यवहार पर विशेष बल दिया। एएचटीयू केस में शुन्य प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित थाना को भेजते हुये अविलम्ब अनुसंधान करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने साईबर थानों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जिला में साईबर थाना के जरिये किये जाने वाले कार्यों की स्थिति, डायल 1930 के उपयोग की जानकारी, अपराधियों के एकाउण्ट फीज करने संबधी कार्य, फ्रॉड की गई राशि को भुक्तभोगी को वापस दिलाने की प्रक्रिया की स्थिति पर विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की। साथ ही कई दिशा-निर्देश दिये।
डीजीपी ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम की स्थिति की समीक्षा करते हुये प्रभारी, मूल-भूत संरचना की उपलब्धता, घटना घटित होने पर जिले के थानों के जरिये नियमित रूप से कंट्रोल रूम को सूचित किये जाने, कंट्रोल रूम के पास वाहन की उपलब्धता, जीपीएस के माध्यम से पेट्रोलिंग गाड़ियों की लोकेशन, कंट्रोल रूम से वरीय अधिकारियों को स-समय सूचना भेजे जाने का निर्देश दिया। डीजीपी ने झारखंड ऑन लाइन प्राथमिकी (जेओएफएस) की समीक्षा करते हुये दर्ज प्राथमिकी पर थाना स्तर से की जाने वाली कार्रवाई, प्राप्त ऑनलाइन शिकायत पर बीएनएसएस के प्रावधान के अनुरूप किये जाने वाली कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। साथ ही अविलम्ब शिकायतों को निष्पादित करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने डायल 112 की समीक्षा करते हुये सभी जिलों से डायल 112 में प्रतिदिन की शिकायत की समीक्षा करने के लिए प्रतिनियुक्त अधिकारी, डायल 112 पर आ रही शिकायतों स-समय कार्रवाई, डायल 112 के जरिये प्राप्त शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को भेजने के बाद उसपर की जाने वाले कार्रवाई की जानकारी लेते हुये उसकी पृच्छा की तथा सभी पदाधिकारियों को टैब का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने राज्य के दुर्दान्त नक्सलियों एवं अपराधकर्मियों पर घोषित रिवार्ड, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक के जरिये रिवार्ड घोषित करने का प्रस्ताव भेजे जाने के संबंध में जानकारी लेते हुये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
डीजीपी ने रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, देवघर और पलामू शहर में ट्रैफिक की व्यवस्था की समीक्षा के दौरान शहर में ट्रैफिक लाइट की स्थिति, वहां बलों की प्रतिनियुक्ति, ट्रैफिक के कर्मियों की ट्रेनिंग, सरकार के जरिये अधिसूचित थाने, चिन्हित हॉट स्पाट, शहर में पार्किंग की स्थिति, बॉडी कैमरा, गाड़ियों में सीसीटीवी के उपयोग की विस्तृत समीक्षा करते हुए सभी जगहों पर सीसीटीवी लगाने के लिए प्रतिष्ठानों, स्कूल, कॉलेज सहित, आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए कहा। बैठक में एडीजी संजय आनन्द राव लाठकर, एडीजी सुमन गुप्ता, आईजी मनोज कौशिक, आईजी अखिलेश झा, आईजी एवी होमकर, आईजी प्रभात कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।