Ranchi: झारखंड के बोकारो, गिरिडीह समेत अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में मुर्गियों के मरने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। स्थानीय स्तर से लेकर दिल्ली और कलकत्ता से आए एक्सपर्ट ने जांच की। जांच के बाद झारखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही कई दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। विभाग स्तर से संक्रमित क्षेत्र में विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। वहीं बर्ड फ्लू के लिए प्रवासी पक्षियों को पशुपालन विभाग ने जिम्मेदार ठहराया है। पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, कांके के निदेशक स्तर से सूचना जारी की गयी है।
बोकारो, गिरिडीह में बर्ड फ्लू की हुई है पुष्टि
पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक ने बताया कि बोकारो, गिरिडीह समेत अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में मुर्गियां मरी हैं। उनके मरने के पीछे की वजह बर्ड फ्लू को बताया गया है। कृषि, पशुपालन विभाग झारखंड ने बर्ड फ्लू के फैलाव के लिए प्रवासी पक्षियों को जिम्मेदार ठहराया है। विभागीय स्तर से सूचना में कहा गया है कि बर्ड फ्लू अत्यंत संक्रामक विषाणुजनित रोग है। यह घरेलू एवं जंगली पक्षियों को संक्रमित करता है। लगभग हर साल सितंबर से फरवरी तक यह रोग मिलने की शिकायत मिलती है। इस साल इसकी पुष्टि हुई है।
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के साथ ही विभागीय स्तर पर गाइडलाइन जारी की गई
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के साथ ही विभागीय स्तर पर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि मृत पक्षी दिखने पर इसे ना छूएं। विभाग या स्थानीय निगम को इसकी जानकारी दें। बर्ड फ्लू घोषित क्षेत्र के एपिसेंटर से 10 किमी के दायरे में आने वाले सभी मुर्गी-बत्तख की दुकानों को प्रशासन ने बंद करने का निर्देश दिया है। अतः इन क्षेत्रों में जो दुकानें हैं, वहां से मुर्गा खरीदने से बचें। बत्तख के मामले में विभाग का मानना है कि संक्रमित बत्तखों में रोग (बर्ड फ्लू) के लक्षण नहीं होते हैं पर वे रोग के संचरण एवं प्रसार में सक्षम हैं।
बर्ड फ्लू जरूर पक्षियों में पाया जाता है, पर इसका प्रभाव इंसान को बीमार कर देता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इंसान बर्ड फ्लू से संक्रमित चिकन, अंडा आदि खा लेता है, तो उसमें भी इसकी वजह से कई तरह की परेशानी हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति ने संक्रमित अंडा या चिकन अथवा बत्तख के मांस का सेवन कर लिया है, तो उसे निमोनिया, किडनी और हृदय संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। अगर उसका जल्द इलाज नहीं कराया गया, तो जीवन खतरे में पड़ सकता है।
विभाग ने इन बातों का ध्यान रखने की दी सलाह
बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि के बाद चिकन और अंडे खाने से परहेज करें। अगर चिकन का सेवन करना है, तो उसकी सफाई करने या छूने से पहले ग्लव्स और मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। चिकन को अच्छी तरह से तब तक पकाएं, जब तक बर्तन का तापमान 165 फारेनहाइट या 74 डिग्री सेल्सियस तक न पहुंच जाए। कच्चे अंडे या हाफ फ्राई अंडे का सेवन करने से परहेज करें। कटिंग बोर्ड, बर्तन और चिकन के संपर्क में आने वाली सभी चीजों को गर्म पानी और साबुन से धोएं।