Ranchi: मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने जमीन और महाजन के विरोध में लड़ी थी। जनांदोलन के तहत बेसहारों को उनकी जमीन वापस करवाई। फिर हेमन्त सोरेन को राज्यवासियों ने चुना लेकिन सरकार बनने के साथ ही भाजपा ने सरकार गिराने का प्रयास किया। कभी भ्रष्टाचार तो कभी खनन की बात बोलकर हेमंत को फंसाया गया।
चम्पाई सोरेन मंगलवार को पुराना विधानसभा मैदान में झामुमो के संकल्प सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड में आदिवासियों की जमीन है। इसलिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट के तहत कवच बनाई गई है। आन्दोलनकारियों की इस झारखंड की धरती में हमारे पूर्वजों का बलिदान, खून से लिखा गया है लेकिन सीएनटी-एसपीटी एक्ट को ताक में रखकर आज यहां आदिवासी मूलवासियों को जमीन और घर से बेघर होना पड़ रहा है।
चम्पाई ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन यहां की बुनियादी-सामाजिक और आर्थिक स्थिति के तहत योजना बनाना शुरू किया। यहां जंगल के भीतर और नदी किनारे बसने वाले ग्रामीणों के पास आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी योजनाएं नहीं पहुंची थी। ऐसी जगहों पर हेमन्त सोरेन की सरकार ने लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान देकर उन्हें मालिक बनाने का काम किया। आदिवासी दलितों के हित में बनने वाली योजनाओं को देखकर भाजपाइयों के पेट में दर्द शुरू हो गया। फिर देश में केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लिया गया। बगैर सबूत हेमन्त सोरेन को जेल में डालने का काम किया गया।