कांग्रेस पार्टी ने आज राजधानी में प्रधान मंत्री और गृह मंत्री का पुतला दहन किया
Ranchi: विगत कई महीना से पूरा मणिपुर जल रहा है और केंद्र में बैठी अंधी बहरी सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। आज उसी का परिणाम है की मणिपुर में दो इसाई महिलाओं के साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद उनकी नंगी परेड निकाली गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसने भी यह वीडियो देखा वह कार्रवाई की डिमांड कर रहा है। मणिपुर की इस घटना के बाद फिर से पुरे देश को शर्मसार किया।
झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजिनी ने राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने आज राजधानी में प्रधान मंत्री और गृह मंत्री का पुतला दहन किया।कांग्रेस ने कहा है कि मणिपुर में एक भयावह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसने सबको हिलाकर रख दिया है। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुषों के ग्रुप द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने कहा है कि महिलाओं के साथ पास के खेत में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया है। यह दुखद घटना 4 मई को राज्य की राजधानी इम्फाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी। तब मैतेई समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच हिंसा जारी थी।
कुकी जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाले आईटीएलएफ ने एक बयान जारी करते हुए दावा है कि दोनों पीड़ित कुकी जनजाति की हैं। वीडियो में मैतेई समुदाया की बड़ी भीड़ महिलाओं को धान के खेत की ओर ले जाती हुई दिख रही है। वे उनके साथ लगातार छेड़छाड़ करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि असहाय पीड़ित महिलाएं रो रही हैं और बंधक बनाने वालों से गुहार लगा रही हैं। घटना की भयावहता तब और बढ़ गई जब अपराधियों ने पीड़ितों की पहचान उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर कर दिया।
आईटीएलएफ ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से इस जघन्य कृत्य के जवाब में तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है। फिलहाल मणिपुर पुलिस ने घटना से संबंधित गिरफ्तारी या दर्ज मामलों के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। आईटीएलएफ ने कहा कि इन निर्दोष महिलाओं को जिस भयानक यातना का सामना करना पड़ा, उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। कांग्रेस ने दोषियों पर अविलम्ब कार्रवाई की जाये. और केंद्र में बैठी हुई केंद्र सरकार से मांग की है कि केन्द्र राजनीति रोटियां सेकने के बजाय तुरंत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा कर वहां शांति बहाल करने का काम करें और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि इस तरीके के लोमहर्षक घटना की पुनरावृति न हो ।