पटना। अग्निपथ योजना के खिलाफ जारी प्रदर्शन के चौथे दिन शनिवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने पटना के मसौढ़ी में तारेंगना स्टेशन परिसर में तांडव मचाया। स्टेशन परिसर में खड़ी एक दर्जन वाहनो में आग लगा दी। बताया जाता है कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच गोलियां भी चली। हलांकि पुलिस ने फायरिंग की पुष्टि नहीं की है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर और एसएसपी मानवजीत सिंह दिल्लो को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। वहीं अरवल जिले के इमामगंज में कैदी को लेकर जा रहे पुलिस वाहनो पर हमला किया गया। मुंगेर के तारापुर में बीडीओ की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
छात्रों ने शनिवार को बिहार के सुपौल जिले में जमकर बवाल किया है। सुपौल के लोहियानगर में आईबी अलर्ट के बावजूद प्रदर्शन कर रही भीड़ ने सहरसा से दरभंगा जा रही पैसेंजर ट्रेन को बीच रास्ते में रोककर उसमें आग लगा दी। जिससे किसी यात्री के नुकसान की खबर नहीं है। आक्रोशित छात्रों पूरे सुपौल में जगह-जगह प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट कर रहे है और उपद्रवियों का भी मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।
”अग्निपथ” को लेकर लगातार उग्र होते जा रहे प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा पर रोक लगाए जाने का जबरदस्त असर पड़ा है। सभी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का इंटरनेट सेवा बंद रहने तथा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहने के कारण शनिवार को बेगूसराय में एक भी प्रदर्शनकारी सड़क या रेल लाइन पर नहीं पहुंचे।
हर समय और हर काम सोशल मीडिया के सहारे करने वाले लोग शुक्रवार की रात से ही काफी परेशान हो गई है, जरुरतमंदों को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि, पूर्व सूचना के कारण मोबाइल के सहारे सब काम करने वाले लोगों ने पड़ोसी जिला मुंगेर एवं पटना जिला की सीमा में जाकर उपयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अग्निपथ के बहाने हो रहे उग्र और हिंसक प्रदर्शन के कारण फैल रहे अफवाहों पर काबू पाने के लिए बिहार सरकार के गृह विभाग ने बेगूसराय सहित 12 जिलों में इंटरनेट सेवा को 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया है। सेना में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती का निर्णय लेने के बाद इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है। बिहार में आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने जमकर तांडव मचाया। जिसके कारण ट्रेन में जलकर जहां एक लोगों की मौत हो गई, वहीं एक दर्जन से अधिक ट्रेनें जला दी गई, 18 जून को विभिन्न दलों ने बिहार बंद का आह्वान किया है। जिसके बाद अफवाहों पर रोक लगाने के लिए गृह विभाग को इंटरनेट सेवा ठप करने का सहारा लेना पड़ा है।