प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा में बिहार के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का शिलान्यास करेंगे। इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, संयुक्त सचिव संजय सिंह, स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. माधवानंद कार, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण दौरे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आयोजन के दौरान हर चीज सुचारू रूप से हो सके और एम्स का निर्माण कार्य सही दिशा में बढ़ सके।
निर्माण स्थल का निरीक्षण और अधिकारियों के बीच मजेदार चर्चा
बिहार सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को दरभंगा जिले के शोभन बाईपास स्थित निर्माण स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने निर्माण स्थल पर मौजूद व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कहा कि इस परियोजना से दरभंगा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर बिहार के लोगों को उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। निरीक्षण के दौरान प्रत्यय अमृत और भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर के बीच की हल्की-फुल्की चर्चा ने वहां मौजूद लोगों को गुदगुदाया। प्रत्यय अमृत ने मजाकिया अंदाज में सांसद को याद दिलाया कि कैसे उन्होंने पहले इस स्थल का विरोध करते हुए एम्स को दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) परिसर में बनाने की मांग की थी। प्रत्यय की इस बात पर वहां मौजूद लोग ठहाके लगाने लगे, और सांसद ठाकुर भी मुस्कुराते हुए ठहाकों में शामिल हो गए।
1261 करोड़ की लागत से होगा एम्स का निर्माण, 750 बेड की क्षमता
दरभंगा में बनने वाला यह एम्स 1261 करोड़ की लागत से तैयार होगा और इसमें 750 बेड की क्षमता होगी। राज्य सरकार ने एम्स के निर्माण के लिए 187 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है, जिसे ग्रीन फील्ड परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा। इस निर्माण का जिम्मा हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSCC) को सौंपा गया है। दरभंगा एम्स में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं होंगी, जो उत्तर बिहार के मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होंगी। अस्पताल में विशेष उपचार, जटिल ऑपरेशन, और चिकित्सा अनुसंधान के लिए अलग-अलग विभाग होंगे, जो देश के अन्य एम्स अस्पतालों की तर्ज पर काम करेंगे।
बिहार में स्वास्थ्य सेवा का नया अध्याय
दरभंगा में एम्स का निर्माण बिहार में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलने वाला है। राजधानी पटना में स्थित एम्स के बाद, यह राज्य का दूसरा एम्स होगा, जिससे उत्तरी बिहार के जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़े सुधार की उम्मीद की जा रही है। एम्स के निर्माण से न केवल मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में रोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे। बिहार सरकार ने दरभंगा एम्स परियोजना को राज्य के विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया है।
प्रधानमंत्री का आगमन और स्थानीय समुदाय में उत्साह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर दरभंगा में भारी उत्साह है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने इस आयोजन को यादगार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री के आगमन से दरभंगा में न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी, बल्कि इससे इलाके में अन्य बुनियादी ढांचे के विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री का दरभंगा दौरा पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण होगा। उन्होंने कहा कि यह एम्स दरभंगा ही नहीं, बल्कि समूचे उत्तर बिहार के लोगों के लिए उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगा और उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
इस अवसर पर स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि भी एम्स निर्माण स्थल पर विशेष इंतजाम कर रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री का दौरा और शिलान्यास समारोह भव्य हो सके।
एम्स के लाभ और भविष्य की संभावनाएं
दरभंगा में एम्स का निर्माण पूरे क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को बढ़ाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ अनुसंधान और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर खुलेंगे। दरभंगा एम्स बनने से यहां डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरतें भी पूरी होंगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके अलावा, इससे बिहार में चिकित्सा क्षेत्र के प्रति लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।