नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया। शिलान्यास कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्री हरदीप पुरी, प्रह्लाद जोशी सहित 300 से ज्यादा मेहमान मौजूद रहे। कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाईन का अनुपालन किया गया। मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन देश के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है। मोदी ने कहा कि भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के नए भवन बनाएंगे इससे अच्छा और पवित्र क्या होगा। उन्होंने कहा कि संसद की मौजूदा भवन हमारे देश के उतार-चढ़ाव चुनौतियों और सफलता का प्रतीक रहा है। पर मौजूदा भवन 100 साल की हो रही है। कई बार रिपेयर किया गया है। अब विश्राम मांग रहा है। नए संसद भवन की आवश्यकता वर्षों से महसूस की जा रही थी। नया भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति का काम हुआ है तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। नए संसद भवन में ऐसी अनेक सुविधाएं होंगी जिससे सांसदों की कार्य क्षमता बढ़ेगी। कार्य संस्कृति में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे। मोदी ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र जीवन तुल्य है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है। हम जनता की सेवा के लिए हैं। अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद ना हो।
नए संसद भवन चार मंजिला त्रिभुजाकार होगा। करीब 971 करोड रुपए की लागत पर 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर निर्माण का प्रस्ताव है। इसका निर्माण भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। प्रस्तावित संसद भवन के संयुक्त सत्र में 1224 सांसदों की बैठने की व्यवस्था होगी। नए भवन में आधुनिक दृश्य एवं श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित होगा। नए संसद भवन का डिजाइन मैसर्सएचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद द्वारा तैयार किया गया है। जबकि निर्माण टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड करेगा।