रांची पुलिस ने 29 सितंबर को हुए एक फॉर्चूनर वाहन पर किए गए अंधाधुंध फायरिंग कर प्राईवेट अंगरक्षक को घायल करने की घटना में शामिल 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनके निशानदेही पर एक एके-56 राइफल सहित 3 पिस्टल, 10 गोली, तीन चार पहिया वाहन, दो मोटरसाईकिल व 1.62 लाख रूपए नगद बरामद की है।
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि 29 सितंबर को कांके निवासी बबलू कुमार मुंडा अपने परिवार के साथ शिव मंदिर में पूजा कर घर लौट रहे थे। इस क्रम में बैंक ऑफ इंडिया की आरसण्डे शाखा के पास सुमो सवार अपराधियों ने उनके फॉर्चूनर कार पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिससे उसके प्राईवेट अंगरक्षक अजय सोनार घायल हो गया है। इस संबंध में मामला दर्ज किया गया। मामले के उद्ेभेदन को लेकर एसआईटी का गठन किया गया था।
जांच के क्रम में पुलिस को घटना में प्रयुक्त सुमो गाेल्ड वाहन के करमटोली स्थित गैरेज में होने की सूचना पर गैरेज मालिक गुड्डू से पूछताछ की गई तो पता चला कि गैरेज के मैकेनिक लालू उर्फ इकरामुल अंसारी ने 29 सितंबर को शादी के नाम पर गाड़ी ली थी। उन्होंने बताया कि लालू उर्फ एकरामुल अंसारी से पूछताछ के बाद परत दर परत खुलती गई और वाहन चालक मैनुल को गिरफ्तार किया गया। दोनो ने घटना में अपनी संलिप्ता स्वीकार करते हुए अन्य लोगो का भी नाम बताया। इस पर त्वरित कार्रवाई कर कांटाटोली चौक के पास से स्कॉर्पियों सवार इरफान अंसारी एवं राजू उर्फ एजाज को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद स्कॉर्पियों में छिपाकर रखे गए एके-56 बरामद किया गया।
एसएसपी ने बताया कि एके-56 हथियार उसे टीपीसी प्रमुख भिखन गंझूु ने मुहैया कराया था। इसके साथ गोली भी उपलब्ध कराई गई थी। स्कॉर्पियों सवार अपराधियों ने पुलिस को बताया कि निरज भोक्ता नामक व्यक्ति ने पांच-पांच उन्हें और अफरोज को दिया था। इसके बाद इन लोगो की निशानदेही पर फिर शूटर आलम अरशद अली को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बबलू मुंडा के बड़े भाई प्रेम सागर मुंडा की 3 फरवरी 2020 की हुई हत्या के मामले में भिखन गंझू, निरज भोक्ता, इरफान और अफरोज की संलिप्ता पाई गई है। शेष अपराधियों की तलाश जारी है। प्रेसवार्ता में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम मौजूद थें।
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