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अहमदाबाद।
देश की प्रमुख दवा कंपनी इंटास फार्मास्यूटिकल प्लाज्मा थेरेपी के विकल्प के रूप में दवा विकसित करने के काम में जुटी है। दवा लेने के बाद कोरोना मरीजो को प्लाज्मा थेरेपी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। दवा कंपनी के चिकित्सा मामलो के प्रमुख डा. आलोक चतुर्वेदी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह दवा पूरी तरह से स्वदेशी होगी। उपचार के लिए विकसित हाइपरिम्यून ग्लोव्यूलिन के मानव परीक्षण के लिए डीसीजीआई से मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राेगियों को लगभग 300 एमजी प्लाज्मा के साथ थेरेपी दी जाती है, जबकि हाइपरिम्यून ग्लोव्युलिन की 30 एमजी की एक खुराक ही पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि परीक्षण सफल रहने पर दवा तीन महीने में लाँच कर दिया जाएगा।
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