Gumla: चाईबासा में हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान संतोष उरांव (32) का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव तुरियाडीह लाया गया। घाघरा में सुबह से ही शहीद देवनारायण स्मारक स्थल के समीप ग्रामवासी हाथों में तिरंगा एवं पुष्प लिए पार्थिव शरीर का इंतजार करते रहे। इस दौरान देशभक्ति के गाने लगातार बजते रहे। ग्रामीणों में गुस्सा एवं गर्व दोनों का भाव था।
शव वाहन पहुंचते ही लाउडस्पीकर से शहीद संतोष उरांव अमर रहें के नारे लगाते हुए दर्जनों बाइक से अगुवाई करते लोग घाघरा चांदनी चौक पहुंचे। लोगों ने नम आंखों से उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाइक एवं प्रशासन के वाहनों की लंबी कतार के साथ गम्हरिया से उनके घर करीब 17 किलोमीटर दूर संतोष उरांव का पार्थिव शरीर तुरियाडीह पहुंचा। गांव का माहौल गमगीन हो गया। लोगों की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। संतोष की पत्नी का सबसे बुरा हाल था। रोते-रोते वह बेहोश हो जा रही थी। संतोष उरांव के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। दो माह पूर्व ही वह 10 दिन की छुट्टी पर घर आए थे। दशहरा में फिर आने की बात उन्होंने कही थी लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के कारण वह नहीं आ पाए।
गुमला डीसी कर्ण सत्यार्थी, एसपी हरविंदर सिंह, एसपी अभियान मनीष कुमार, एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, थाना प्रभारी घाघरा सहित सभी लोग शव वाहन के साथ जवान के गांव पहुंचे। उपायुक्त एवं एसपी ने उनके परिजनों को ढांढस बंधाया एवं कहा कि हर दुख सुख में प्रशासन आपके साथ है। उपायुक्त गुमला ने उनकी पत्नी को एक लाख का चेक दिया। मृतक के छोटे भाई ने उपायुक्त से कहा कि बड़े भैया ही घर में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति थे। हम अभी बेरोजगार हैं। कम से कम हमें चौकीदार की नौकरी दी जाए। ग्रामीणों ने शहीद के नाम पर घाघरा में एक स्मारक बनवाने की मांग की।