Patna: निलंबित गया के पूर्व वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आदित्य कुमार ने मंगलवार दोपहर पटना सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बिहार सरकार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने आदित्य कुमार के खिलाफ छानबीन कर पांच दिसम्बर 2022 को 1.37 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। पुलिस का कहना था कि आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहे।
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आदित्य कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पूर्व एसएसपी पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा था कि जो तथ्य सामने दिख रहे हैं, उस पर कोर्ट अपनी आंखें नहीं मूंद सकती। आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मामला न केवल न्यायिक कार्यवाही में पवित्रता बनाए रखने से संबंधित है, बल्कि पूरी व्यवस्था में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिहाज से भी काफी मायने रखता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सीलबंद लिफाफे में यह जानकारी देने को भी कहा था कि हाई कोर्ट ने इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है। आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में मामला दर्ज किया गया था। निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने केस की पैरवी के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था।
आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी पद पर तैनात थे। उनके खिलाफ शराब तस्करों से सांठगांठ का केस दर्ज किया गया था। उन पर आरोप लगा कि अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद्द कराने के लिए साजिश रची। आदित्य कुमार के दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया, जिसमें पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस की तस्वीर लगाई गई। फिर इसी व्हाट्सएप नंबर से बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल को कॉल और मैसेज किए गए।
फर्जी चीफ जस्टिस ने डीजीपी को कहा कि आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे मामले को बंद कर दिया जाये। इसके बाद डीजीपी ने आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे केस को बंद कर दिया था। हालांकि, बाद में जब मामला खुला तो आदित्य कुमार और उनके मित्र अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ नया केस दर्ज किया गया था। पिछले साल 15 अक्टूबर को बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर शराब कांड को खत्म कराने का केस केस दर्ज किया था। इसके बाद बिहार सरकार ने आईपीएस आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था।