रांची। (पासवा ) प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन) के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जब पूरी दुनिया में हर काम हो रहा है तो इसका भय दिखाकर एक जेनरेशन के भविष्य को बर्बाद करने का अधिकार किसी को नहीं है। बच्चों के जेनरेशन के भविष्य को बर्बाद करना किसी भी देश के लिए आर्थिक संकट से भी गंभीर परिस्थिति उत्पन्न हो सकता है।
स्कूलों को खोलने के मुद्दे पर पासवा की ओर से रविवार को रांची में राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। दुबे ने कहा कि झारखंड में पिछले 22 महीने से प्राथमिक स्कूल बंद है। वर्ष 2015 और 16 में जन्म लेने वाले बच्चों ने अब तक स्कूल में कदम नहीं रखा है। करीब दो वर्षों के दौरान कोरोना संक्रमण काल में लोगों ने कई परेशानियों को झेला है और अब इस बीमारी से लड़ाई का तरीका भी सीख लिया है। अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही है। इसलिए आवश्यक दिशा निर्देश के साथ स्कूलों को खोला जाना चाहिए।
संगोष्ठी में प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोरनाथ शाहदेव, अरविन्द कुमार, महासचिव डॉ राजेश गुप्ता, नीरज सहाय आदि ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए अब क्लास एक से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोला जाना चाहिए।