Palamu: लेस्लीगंज थाना के ग्राम हरतुआ में गुरुवार को शव को अंतिम संस्कार करने के लिये श्मशान घाट ले जाने के दौरान रास्ता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। जिसके बाद क्षुब्द ग्रामीणों ने शव को लेस्लीगंज-पाटन सड़क पर रखकर विरोध जताया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव को श्मशान घाट तक पहुँचा अंतिम संस्कार कराया गया।
जानकारी अनुसार बुधवार को हरतुआ निवासी नरेश गिरी की मौत हो गयी थी। जिसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए अमानत नदी के बगल के रास्ते से श्मशान ले जा रहे थे। जहां हरतुआ निवासी प्रगाशी राम उनकी पत्नी कामोदा देवी, सरजू राम पत्नी रीता देवी ने निजी जमीन बता उसपर से शव ले जाने से रोक दिया।
ग्रामीण मुकेश पूरी, शंकर बैठा, श्रवण पासी, बसंत पासी, शंकर गिरी, मेघन प्रजापति, विक्की गिरी सहित दर्जनों ग्रामीण व मुखिया अरविंद शुक्ला, पंसस पति दीपक गिरी ने कहा कि मुख्य सड़क सहित पूरब दिशा की जमीन शंकर गिरी का ख़ातियानी जमीन है। जिसमे नदी का पुल का कुछ हिस्सा, स्कूल सहित सामुदायिक भवन बना हुआ है। जबकि पश्चिम दिशा की जमीन गैरमजरूआ खास है जिसका कुछ भाग प्रगाशी राम और उनका बेटा सरजू राम अंचल कार्यालय से बंदोबस्ती करवा कर उसपर खेती करते है। करीब 15-20 फीट जमीन रास्ते के लिये खाली है। विवाद का कारण वही खाली जमीन है।
ग्रामीण चाहते है खाली जमीन का उपयोग रास्ता के लिये हो,जबकि प्रागशी राम खाली जमीन को भी अपना बताता है । मुखिया के समझाने के बावजूद प्रागासी राम और परिजनो द्वारा नही मानने पर हालात बिगड़ा और धक्कामुक्की तक पहुच गया। मामले की गंभीरता देख अंचलाधिकारी चंद्रशेखर कुनाल ने सीआई महेंद्र राम अंचल अमोन शंकर सिंह को भेज मामला शांत कराया। अब कल दोनो पक्षो की कागजात की जांच कर जमीन की नापी कर रास्ता देने का आश्वासन दिया गया है। वहीं पंचायत के मुखिया अरविन्द शुक्ला ने अंचलाधिकारी सहित पुलिस कर्मियों पर मामला उलझाने का गंभीर आरोप लगाया है।